जमशेदपुर : कोल्हान हाइवा टिपर एसोसिएशन की एक बैठक एक गंभीर विषय को लेकर हुई. बैठक में वक्ताओं ने कहा कि गत 23 मई को सरायकेला-खरसावां के पुलिस कप्तान की अध्यक्षता में रात को एक टीम गठित कर छापेमारी की गई. किसी गाड़ी पर बालू और कोई गाड़ी खाली ही पकड़ कर ईचागढ़ थाने में लगा दी गई है. अखबार के माध्यम से एसोसिएशन और गाड़ी मालिकों को यह पता चला कि ईचागढ़ और चौका थाना क्षेत्र में 40 से 45 गाड़ियों को पकड़ लिया गया है, जिसमें से कुछ गाड़ी खाली थी और कुछ में बालू लदा था. कुछ गाड़ियां खड़ी हुई थी. कागजों का और दस्तावेजों का सही ढंग से गाड़ी मालिक और ड्राइवरों से मांग नहीं की गई. गाड़ी रुकते साथ कई ड्राइवरों की पिटाई हुई, जिसमें से कुछ वहां रह गए बाकी मार खाकर कुछ डर के मारे वहां से भाग खड़े हुए. वक्ताओं ने कहा कि जो जानकारी मिली उसके अनुसार प्रशासन ने गाड़ी मालिकों को बालू माफिया की उपाधि दे दी है और बिना किसी जांच-पड़ताल के किसी कागजात देखे बिना इन शब्दों का प्रयोग किया गया है. दुनिया की नजर में हम गाड़ी मालिक जो दिन-रात मेहनत करके सरकार की जेब में एक मोटी रकम टैक्स, परमिट, इंश्योरेंस, फिटनेस, गाड़ी की किश्ती (ईएमआई)देते हैं. उसके बाद जो बचता है वह गाड़ी की मरम्मत में खर्च करते हैं. उसके बाद जो रुपए बच रहे हैं उससे गाड़ी मालिक के परिवार का गुजर-बसर, वह भी सही ढंग से नहीं चल रहा है और उसके ऊपर से यह माफिया का तमगा दिया जाता है. इस समय जब सारा संसार कोरोना महामारी के भयंकर प्रकोप से त्राहिमाम है और आर्थिक मंदी से जूझ रहा है वहीं गाड़ी मालिक पिछले 2 महीनों से मंदी और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. पिछले पांच-छह दिन पहले सरकार द्वारा निर्माण कार्य की अनुमति देने के बाद गाड़ी का परिचालन शुरू हुआ है और यह घटना जिसकी एसोसिएशन घोर निंदा और उच्च स्तरीय जांच की मांग करता है. बैठक में एसोसिएशन के चेयरमैन सतवीर सिंह सोमू, कंचन सिंह, अनिर्बन चक्रवर्ती, रवि शॉ, सीताराम महतो, जितेंद्र दूबे, जसप्रीत सिंह, टीएन शर्मा व अन्य उपस्थित थे.
ईचागढ़ व चौका में बालू लदे व कुछ खाली वाहनों को पकड़े जाने का कोल्हान हाइवा टिपर एसोसिएशन ने किया विरोध, वाहन मालिकों को माफिया कहे जाने की निंदा, छापेमारी के खिलाफ जांच की मांग
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