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kolhan-three-district-administration-action-कोल्हान आयुक्त और डीआइजी ने जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम जिले के प्रशासनिक एवं पुलिस के वरीय पदाधिकारियों के साथ की बैठक, एंटी ड्रग कैंपेन के एसओपी पर चर्चा, सर्वसम्मति से लागू करने का लिया गया निर्णय, नशा मुक्ति को लेकर पूरे प्रमंडल में चलाया जाएगा जागरूकता अभियान, होगी सख्त कार्रवाई

राशिफल

जमशेदपुर : जमशेदपुर के समाहरणालय सभागार में कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त मनोज कुमार की अध्यक्षता एंटी ड्रग कैंपेन के एसओपी पर चर्चा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक डीआईजी कोल्हान अजय लिंडा, जमशेदपुर की उपायुक्त विजया जाधव, जमशेदपुर एसएसपी प्रभात कुमार, पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल, एसपी पश्चिमी  सिंहभूम आशुतोष शेखर, एसपी सरायकेला खरसांवा आनंद प्रकाश तथा तीनों जिले के अन्य वरीय पदाधिकारी जिसमें एडीएम लॉ एंड ऑर्डर, अपर उपायुक्त, एसडीओ, सीओ, संबंधित पुलिस उपाधीक्षक, उत्पाद विभाग के पदाधिकारी, कार्यपालक दण्डाधिकारी के साथ की गई.(नीचे भी पढ़े)

बैठक में एंटी ड्रग कैंपेन के एसओपी पर गहनता से वरीय पदाधिकारियों द्वारा विमर्श के पश्चात इसे तीनों जिले में समान रूप से लागू करने का निर्णय लिया गया. आयुक्त कोल्हान ने कहा कि आगे भी इस एसओपी में मांग के अनुरूप गुणात्मक सुधार किए जाएंगे, फिलहाल तीनों जिले के संबधित पदाधिकारी इस एस.ओ.पी के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे. बैठक में एंटी ड्रग कैंपेन के सफल क्रियान्वयन को लेकर स्कूल-कॉलेज के बच्चों, अभिभावकों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा इस क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न एनजीओ से भी सहयोग लेने का निर्णय लिया गया. ड्रग के डिमांड में कैसे कमी आए  तथा इस संबध में क्या निरोधात्मक कार्रवाई काननू का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध की जा सकती है, इस पर विस्तार से चर्चा की गई. स्कूल कॉलेज, फैक्ट्री एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्र, हाट-बाजार, समुदाय, पर्यटक स्थलों, झोपड़पट्टी, जेल एवं जुवेनाइल ऑबजर्वेशन सेंटर आदि में नशा मुक्ति को लेकर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया..(नीचे भी पढ़े)

इस अभियान के प्रमुख स्टेक होल्डर में से छात्र, अभिभावक, शिक्षक, प्रोफेसर, सरकारी पदाधिकारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, आंगनबाड़ी वर्कर, स्वयंसहायता समूह की महिलायें, चिकित्सक, पुलिस विभाग के युवा वॉलंटियर, न्यायपालिक एवं बार काउंसिल, जेल एवं जुवेनाइल ऑबजर्वेशन सेंटर के पदाधिकारी, एसआईवी मरीज तथा गर्भवती महिलाओं जैसे वल्नरेबल ग्रूप को टार्गेट कर उनका क्षमतावर्धन करने की भी बात कही गई. साथ ही बैठक में नशा के आदि हो चुके लोंगों का उपचार एवं पुनर्वास, ड्रग विक्रेताओं के विरूद्ध कार्रवाई, नशा मुक्त हुए लोगों का स्कील डेवलपमेंट, वोकेशनल ट्रेनिंग तथा आजीविका के साधन उपलब्ध कराना तथा ड्रग एडिक्ट को इससे मुक्त करने को लेकर क्या नए उपाय अपनाये जा सकते हैं इस गहन विमर्श किया गया..(नीचे भी पढ़े)

 एनडीपीएस एक्ट के तहत समुचित कार्रवाई में पुलिस विभाग की क्या भूमिका होगी जैसे पुलिसकर्मियों का क्षमतावर्धन जिसमें कम से कम एसआई के रैंक तक को ट्रेनिंग, इंवेस्टिगेशन कीट, विशेषज्ञों की भागीदारी, अदालत में केस जीतने की सम्भावनाओं पर भी प्रकाश डाला गया. साथ ही एनडीपीएस एक्ट के उल्लंघन के संबंध में मिली जानकारी के उपरांत की जाने वाली कार्रवाई से संबंधित एसओपी पर भी पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया. एनडीपीएस एक्ट के उल्लंघन पर किन-किन पदाधिकारियों को कार्रवाई करने की शक्ति प्रदान की गयी है, गुप्त सूचना मिलने पर राजस्व, औषधीय नियंत्रण, उत्पाद, पुलिस विभाग के पदाधिकारी द्वारा की जाने वाली अपेक्षित कार्रवाई, प्राधिकार पत्र निर्गत करने, घटनास्थल पर प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा आवश्यकता अनुसार ले जाने वाली सामग्री, घटनास्थल पर की जानेवाली कार्रवाई, घटनास्थल से वापस थाना आने के बाद की कार्रवाई, प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त थाना प्रभारी द्वारा की जानेवाली कार्रवाई, अनुसंधानकर्ता द्वारा काण्ड के अनुसंधान करने के निदेश मिलने पर की जानेवाली कार्रवाई, अनुसंधानकर्ता द्वारा अभियुक्तों को 24 घंटे के अन्दर न्यायलय में उपस्थापित करते समय भेजे जाने वाले कागजात एवं प्रदर्श, न्यायालय में अभियुक्तों एवं प्रदर्शों को उपस्थापित करने के उपरान्त थाना वापस आने के बाद की जानेवाली कार्रवाई तथा अन्य संबंधित कार्रवाई पर भी जानकारी दी गई..(नीचे भी पढ़े)

बैठक में तीनों जिला से हेल्पलाइन नंबर जारी करने का निर्णय लिया गया जिससे लोग किसी भी तरह से ड्रग कोराबार या किसी व्यक्ति द्वारा भी ड्रग का उपयोग किया जाता है तो सूचना का आदान प्रदान हो सके, डेडिकेटेड पोर्टल बनाने का सुझाव दिया दिया जिससे किसी को नशा मुक्ति के लिए सहयोग चाहिए तो पोर्टल के माध्यम से प्रशासन तक अपनी जानकारी पहुंचा सके, जिला एवं प्रमंडल स्तर पर डेडिकेटेड टीम के गठन का भी सुझाव सदन से प्राप्त हुआ ताकि समय पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.

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