मुंबई/जमशेदपुर : एक तरफ जहाँ पूरा देश महामारी के चपेट में है वही कुछ लोग इस दौरान भी मजे उठाने के फ़िराक में है. ज्ञात हो कि जहाँ पूरा विश्व में लॉक डाउन चल रहा है और सब अपने घरो में कैद है यहाँ तक कि सरकार भी लोगो से अपील कर रही है कि आप अपने घरो में ही रहे और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखे. इन सब बात को इगनोर करते हुए डीएचएफएल के प्रमोटरों कपिल वधावन और धीरज वधावन को यात्रा करने की अनुमति महाराष्ट्र सरकार द्वारा दी गयी थी. हालाँकि इसकी अनुमति देने की वजह से ही एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को शुक्रवार को अनिवार्य अवकाश पर भी भेज दिया गया. यह जानकारी गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दी.
इधर पुलिस के अनुसार वधावन परिवार के सदस्यों को लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में गुरुवार को महाराष्ट्र में सतारा जिले के महाबलेश्वर में हिरासत में लिया जा चुका है. मामले के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने वधावन परिवार के सदस्यों समेत 23 लोगों को उनके फार्महाउस में पाया. स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये पुणे और सतारा दोनों जिलों को सील कर दिया गया है. इसके बावजूद वधावन परिवार के सदस्यों समेत कई लोगों ने बुधवार शाम अपनी कारों से खंडाला से महाबलेश्वर की यात्रा की. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वधावन ब्रदर्स समेत 23 लोगों पर अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. महाराष्ट्र पुलिस ने कपिल और धीरज वधावन पर मामला दर्ज किया है. उन पर आइपीसी की धारा 188, 269, 270, 34 व डिजास्टर मैनेजमेंट और महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि आइपीएस अधिकारी ने वधावन परिवार में किसी आपात स्थिति का हवाला देकर उनके सदस्यों को लॉकडाउन के नियमो से छूट देने का पत्र जारी किया था . आपको बता दे कि जिन वाहनों के लिए पत्र निर्गत किया गया था उनमे से दो वाहन जमशेदपुर से रजिस्टर्ड है, जिसका वाहन संख्या JH05BP16 और JH05BP0021 है .
दोनों वाहन कपिल वधावन और धीरज वधावन के नाम से निबंधित है. आपको बता दे कि कपिल और धीरज बधावन पूर्व में यस बैंक और डीएचएफएल में धोखाधड़ी मामलो के आरोपी रह चुके है. प्रवर्तन निदेशालय ने विगत 17 मार्च को पेश होने के लिए दोनों को समन जारी किये थे, लेकिन महामारी का हवाला देते हुए दोनों पेश नही हुए थे. पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा है कि क्या अमीरों और धनवानों के लिए लॉकडाउन का पालन नही करना है ? या पुलिस की अधिकारिक अनुमति से महाबलेश्वर में छुट्टियां मनाया जा सकता है. इस मामले में आगे कोई और बयां नही आया है. वैसे राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव की ओर से पांच गाड़ियों की अनुमति दी गयी थी, जिसमें दो गाड़ियां जमशेदपुर की है. पता करने पर मालूम चला है कि दोनों गाड़ी जमशेदपुर के डीटीओ ऑफिस से अल्ट्रा स्पेस डेवलपर्स प्रावेट लिमिटेड से है और 18 अक्तूबर 2016 को रजिस्टर्ड हुई है. झारखंड की गाड़ी वहां कैसे गयी और कौन चला रहा था, यह पता करने वाली बात है, जिसका पता महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी.