एक कहावत है ना…
जाको राखे साइयां…
मार सके ना कोय ।।
ऐसा ही एक मामला जमशेदपुर के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुड़ाबांधा के बीहड़ों में देखने को मिला है. जहां एक नवजात का चित्कार सुन एक सबर महिला भगवान का अवतार लेकर वहां पहुंची और घनघोर बीहड़ के बीच पत्थर से दबे झोली से बच्ची को निकाल सीने से लगाकर उसे लेकर गांव पहुंची. जहां गांव की एक मुस्लिम महिला अपने बहू के लिए बच्ची को गोद लेना चाह रही थी, लेकिन महिला की बहू ने ऐसा करने से मना कर दिया और बच्ची की सूचना गुड़ाबांधा थाना पुलिस को दी.
वहीं गुड़ाबांधा थाना पुलिस फौरन हरकत में आई और इसकी सूचना तत्काल अपने वरीय अधिकारियों को दी. इधर बुधवार को एमजीएम अस्पताल से चाईबासा के दंपत्ति की गायब हुई बच्ची की तलाश में जुटी जमशेदपुर पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए कई वरीय पुलिस अधिकारी गुड़ाबांधा पहुंचे जहां से बच्ची को रेस्क्यू कर एम्बुलेंस से लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंची.
जहां बच्ची का ईलाज चल रहा है. अब इसे विडंबना कहें या नियति चाईबासा दम्पति बच्ची को अपना बता रहे हैं, जबकि बच्ची नवजात प्रतीत हो रही है. दोनो में समानता यही है, कि बुधवार को एमजीएम अस्पताल से गायब हुई बच्ची भी लड़की थी और आज गुड़ाबांधा के बीहड़ों में लावारिस अवस्था में पाई गई बच्ची भी लड़की है.
वैसे पुलिस अभी इस मामले में कुछ खास बता पाने की स्थिति में नहीं नज़र आ रही है. सिटी डीएसपी अनुदीप सिंह का कहना है कि बच्ची अभी घायल है उसका ईलाज चल रहा है आगे मामले की जांच की जा रही है.