चाईबासा : झारखण्ड रेशम तसर उद्योग में अग्रणी है लेकिन इसके विकास को लेकर आजतक किसी सरकार ने ठोस रूप से काम नहीं किया. यही वजह है की इस उद्योग व तसर की खेती से जुड़े लोगों की हालत आजतक नहीं बदली है. चक्रधरपुर तसर खेती से जुड़े अग्र परियोजना केंद्र पहुंची सूबे की महिला कल्याण व बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने अब तसर खेती से जुड़े लोगों को मदद पहुँचाने का भरोसा दिया है. मंत्री जोबा मांझी ने कहा की तसर की खेती से जुड़े लोगों को बाज़ार उपलब्ध कराने के साथ साथ उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने के लिए वे हर संभव मदद करेंगी.
दरअसल मंत्री जोबा मांझी चक्रधरपुर अग्र परियोजना केंद्र में तसर कृषकों के द्वारा लगायी गयी एक खास प्रदर्शनी को देखने पहुंची थी. इस दौरान मंत्रीजी ने केंद्र परिसर में पौधा रोपण भी किया और तसर खेती का जायजा भी लिया. इस दौरान उन्होंने तसर कीट पालन प्रक्रिया को करीब से जाना. मौके पर मौजूद अग्र परियोजना पदाधिकारी बिनोद सिन्हा ने मंत्रीजी को तसर खेती की जानकारी दी. उन्होंने बताया की किस तरह कीट पालन से लेकर तसर की कोकून खेती तक कृषक मेहनत कर रेशम उद्योग को आगे बढ़ाता है.
वहीँ प्रदर्शनी में दिखाया गया की कृषक जहाँ अच्छे कोकून से रेशम के धागे निकालते हैं, वहीँ दूसरी तरफ जो कोकून ख़राब हो जाते हैं उसे विभिन्न आकार देकर क्राफ्टिंग से साज सजावट के लिए कई आकर्षक सामान बनाये जाते हैं. तसर कोकून की खेती से कृषकों को बहुत लाभ मिलता है. लेकिन बाज़ार और संसाधन के आभाव में इस खेती का ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके कृषक चाह कर भी इस उद्योग को आगे नहीं बढ़ा पाते हैं. मौके पर मौजूद अग्र परियोजना पदाधिकारी व प्रशिक्षकों ने मंत्री जोबा मांझी से मदद की गुहार लगायी ताकि तसर रेशम की खेती से जुड़े लोग स्वावलंबी बन सकें.
इस अवसर पर जोबा मांझी ने तसर उद्योग से जुड़े लोगों को तसर कीट का अंडा भी वितरित किया. जोबा मांझी ने आश्वस्त किया की तसर खेती को बढ़ावा देने के लिए वे अपनी तरफ से सहयोग करेंगी. साथ ही साथ सरकार की तरफ से भी मदद पहुंचाने का पूरा प्रयास करेंगी. जोबा मांझी ने कहा की सरकार बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए दिन रात काम कर रही है. ऐसे में इस तसर खेती और रेशम उद्योग को बढ़ावा देने से भी तसर कृषक आर्थिक रूप से मजबूत होंगे.