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एनएमएल ने किया एवरग्रीन रीसाइकिलकरो के साथ एमओयू, ई-वेस्ट से कोबाल्ट निकालने की तकनीक साझा की

जमशेदपुर : बर्मामाइंस स्थित नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेटरी (एनएमएल) शून्य अपशिष्ट के लक्ष्य पर है. जिससे काफी हद तक ई-वेस्ट से निजात मिलेगी. एनएमएल देश में पहला अनुसंधान केंद्र है जो ई-वेस्ट के पुन:चक्रण (रीसाइकिलिंग) के उद्योग उन्मुख विका के लिए देश में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए एनएमएल ने शुक्रवार को मुंबई के एवरग्रीन रीसाइकिलकरो प्राइवेट लिमिटेड के साथ तकनीक साझा करने के लिए एमओयू (करार) किया. इसके तहत ई-वेस्ट से कोबाल्ट निकालने की तकनीक साझा की गयी. इस अवसर पर एनएमएल के निदेशक डॉ इंद्रनील चटोराज, प्रधान वैज्ञानिक डॉ मनीष कुमार झा, सीनियर रिसर्चर अर्चना कुमारी, रेखा पांडा, वैज्ञानिक डॉ रंजीत कुमार सिंह, डॉ अमिताभ मित्रा और एवरग्रीन रीसाइकिलकरो के राजेश गुप्ता उपस्थित थे.

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