जमशेदपुर : प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी बर्मामाइंस स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला में आयोजित ‘हिन्दी सप्ताह-2019’ का समापन शुक्रवाक को समारोह पूर्वक किया गया. समारोह संस्थान के व्याख्यान-कक्ष में हुआ. इस अवसर पर सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ इन्द्रनील चट्टोराज ने कहा कि हिन्दी संसार की सबसे सरल भाषा है. इसका मुख्य कारण यह है कि यह जैसी बोली जाती है, वैसी ही लिखी जाती है. देश की स्वतंत्रता के बाद हिन्दी को भारत की राजभाषा होने का गौरव प्राप्त हुआ. विश्व में हिन्दी ‘तीसरी’ सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है. उन्होंने राजभाषा हिन्दी की संभावनाओं और इसकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि हिन्दी का विकास सहज रूप से आगे बढ़ा है और इसकी वैज्ञानिकता ने विश्व के अन्य लोगों को भी अपनी तरफ आकर्षित किया है. हिन्दी की वैज्ञानिक विशेषताएं और विदेशी भाषओं को अपने में समाहित करने की इसकी अद्भुत क्षमता है. हिन्दी आपकी भाषा और आपके हृदय को समृद्ध करती है. हिन्दी सप्ताह औपचारिक न होकर नये संकल्प को पैदा करने वाला बने. हिन्दी में काम करना सरल, सहज और आसान है. प्रयोगशाला के वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने इस अवसर पर भारत सरकार की ओर से प्राप्त केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संदेश भी पढ़ कर सुनाया, जिसमें उन्होंने सभी सरकारी कार्मिकों को हिन्दी में दैनिक कार्यों के निष्पादन का संदेश दिया है. इस अवसर पर प्रयोगशाला की हिन्दी पत्रिका ‘समन्वय’ का विमोचन किया गया, जिसमें प्रयोगशाला कर्मियों द्वारा लिखी गई कहानियां और कवितायें संकलित हैं. प्रयोगशाला के मुख्य वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार मंडल ने हिन्दी पत्रिका समन्वय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक लम्बे अन्तराल के बाद प्रयोगशाला की हिन्दी पत्रिका ‘समन्वय’ का प्रकाशन हुआ है. पिछले छह से 13 सितम्बर 2019 तक आयोजित ‘हिन्दी सप्ताह समारोह-2019’ के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल प्रतिभागियों को नकद-पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया. अन्त में प्रयोगशाला के वित्त एवं लेखा अधिकारी अनुज मोहन प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस आयोजन में डॉ अंजनी कुमार साहू, श्री बबलू कुमार गोंड, परमार्थ सुमन, रवि रंजन कुमार, सुजीत कुमार साह, संतोष कुमार राय, मोना भट्टाचार्जी, भावना कुमारी, अर्चना कुमारी, रानू नामता, पम्फा देवी, लखन समेत अन्य की सराहनीय भूमिका रही.