नयी दिल्ली: विपक्ष के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने सोमवार को नामांकन किया. नामांकन के दौरान उनके साथ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी दिग्गज मौजूद रहे. नामांकन के दौरान सत्ता पक्ष की तरह विपक्ष ने भी पूरा दमखम दिखने की कोशिश की है. हालांकि अभी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आंकड़े में सत्ता पक्ष की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी दिख रहा है.मालूम हो कि 24 जून को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने नामांकन किया था उस दौरान सत्ता पक्ष के दिग्गजों का जमावड़ा लगा था.उधर, 17 विपक्षी दलों के साथ ही यशवंत सिन्हा को तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने भी समर्थन देने की बात कह दी है. सिन्हा का मानना है कि उन्हें अभी और अदृश्य ताकतों का समर्थन मिलेगा.यशंवत सिन्हा का मुकाबला आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू से है. श्री सिन्हा ने एक इंटरव्यू के दौरान विपक्ष के इस दांव को लेकर कहा था कि एक व्यक्ति को ऊपर उठाने से पूरे समुदाय का उत्थान नहीं होता. राष्ट्रपति भवन में अगर एक और ‘रबर स्टांप’ आ जाए, तो यह विनाशकारी होगा. उन्होंने वादा किया था कि यदि वह चुनाव जीते तो किसानों, कामगारों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और हाशिये पर पड़े समाज के सभी वर्गों की आवाज को उठाएंगे.
18 को वोटिंग, 21 जुलाई को काउंटिंग
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा, जबकि 21 जुलाई को काउंटिंग होगी. समीकरण की बात करें तो विपक्षी दलों के गठबंधन यूपीए के पास संख्या बल कम है. एनडीए के पास कुल मिलाकर 5.26 लाख वोट हैं, जो कुल वोटों का लगभग 49 परसेंट है. बीजू जनता दल ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है. ऐसे में एनडीए प्रत्याशी आसानी से जादुई आंकड़ा को पार कर जा रही है. एनडीए को उम्मीद है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का भी समर्थन उनके प्रत्याशी को मिलेगा. बसपा प्रमुख मायावती ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है. इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज दिल्ली जा रहे हैं जहां वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मिलेंगे. इस मुलाकात के बाद हेमंत सोरेन राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपना पत्ता खोलेंगे.