जमशेदपुर : अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाहन करते हुए नमन परिवार द्वारा स्लम बस्तियों, बेघरों, जरूरतमंद गरीब परिवारों व प्रवासी मजदूरों को अपनी सेवा देते हुए उनके मध्य प्रतिदिन दोपहर का भोजन वितरित किया जा रहा था। इस सेवा कार्य का गुरुवार को 66वां एवं अंतिम दिन था। पिछले 66 दिनों से नमन के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा निरंतरतापूर्वक यह सेवा कार्य किया गया, ताकि जरूरतमंदों को भोजन मिल सके। ध्यान देने योग्य बात ये है कि नमन परिवार द्वारा लॉक डाउन-1 के दिनों से ही जमशेदपुर के एक या दो नहीं बल्कि दर्जनों विभिन्न क्षेत्रों में भोजन की सेवा प्रदान की जा रही थी व प्रवासी मजदूरों को भी भोजन प्रदान किया जा रहा था। प्रतिदिन भोजन सूची में परिवर्तन की जाती थी ताकि भोजन प्राप्त करने वालों को एकाकीपन ना महसूस हो।
अमरप्रीत सिंह काले ने बताया की नमन द्वारा निरंतर किये जा रहे भोजन सेवा के अलावा पिछले 16 दिनों से बाहर से शहर प्रवेश कर रहे श्रमिकों की सेवा में चौबीसों घंटे टीम नमन मुस्तैद रही। आधी रात को भी जरूरतमंदों की सेवा को हमारे स्वयंसेवक तैयार रहे। अपने इस अभियान में नमन परिवार द्वारा भोजन तैयार करने से लेकर इसके वितरण तक में स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा गया। इसके लिए विशेष तौर पर टीमें तैयार की गई थी जो भोजन की तैयारी से लेकर इसके वितरण तक में गुणवत्ता एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखती थी एवं इसकी निगरानी करती थी। इस अभियान के दौरान भोजन वितरण में सोशल डिस्टेंस का कड़ाई से पालन किया गया, ताकि जो दिशा-निर्देश प्रशासन द्वारा मिला है, उसका उल्लंघन न हो एवं सेवा देने वाले व अन्य लोग भी सुरक्षित रहें। श्री काले ने कहा कि आज थोड़ा सा भावुक हूं कि आज सेवा कार्य का अंतिम दिन है, ऐसा लगता था कि अपने परिवार के लिए हम सब अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, सेवा का यह कार्य करते हुए पता ही नहीं चला कि कैसे 66 दिन पूरे हो गए। ये सभी के स्नेह, आशीर्वाद, मार्गदर्शन, सहयोग एवं ईश्वर की कृपा से यह सम्भव हो पाया है। आगे भी अपने इन विशेष परिवारों की आवश्यकता को देखते हुए, नमन परिवार इनके साथ और इनके लिए कमर कस कर तैयार खड़ा मिलेगा।
नमन परिवार ने शहर के इन क्षेत्रों में दी सेवा
कल्याण नगर, मुडांरी बस्ती (कल्याण नगर), भुइयां नगर (ह्युमपाईप), ऊपर बस्ती (उलीडीह), तिर्की मैदान (शंकोशाई) मानगो, नेहरू कालोनी (स्लेग रोड), देवनगर (बाराद्वारी), बागुनहातु रोड नं 5, किशोरी नगर बगान एरिया, कंचन नगर, नागाडुंगरी (बागुननगर/डी ब्लाक), नागाडुंगरी,गौरी बस्ती (बागुनहातु), हिन्दू बस्ती,गोलमुरी, हरिजन बस्ती गांधी चौक (बारीडीह), मनीफीट, इंदरा नगर (ह्युमपाईप), बारीडीह मार्केट, कुम्हार पाड़ा (बाराद्वारी), चूना भट्टा (जुगसलाई), गोलपहाडी, हरिजन बस्ती बारीडीह, बागुनहातु रोड 5, नेहरू कॉलोनी (स्लैग रोड), देवनगर, बारीडीह मार्केट, बिरसानगर जोन नं-3, निर्मल नगर ह्युमपाइप, पंचवटी नगर, सोनारी, लाल भट्ठा (भुइयांडीह), गौरी बस्ती (बागुनहातु), पार्किंग एरिया (डिमना रोड), साकची, बेल गड्ढा, मनीफिट, काशीडीह बागान एरिया.
प्रवासी मजदूरों को अवध डेंटल कॉलेज व पारडीह व अन्य स्थानों में सेवा देने में मुख्य रूप से अखिलेश पांडेय, जुगुन पांडेय, महेश मिश्रा, अशोक दास, प्रिंस, घनश्याम भिरभरिया, अभिषेक पाण्डेय, संध्या रानी महतो, बिभाष मजूमदार, सुमन कुमार, विजय सिंह मुंडा, जीवन सिंहदेव, राजदीप, नारायण महतो, आभा वर्मा, नीतू दुबे, बिनोद,पिन्टू,शैलेश दोषी, दर्शन सिंह, सचिन शर्मा, पिंटू साव, विशाल सिंह, बंटी वर्मा, सूरज चौबे, विवेक कामत, मोहन दास, मार्टिन, शुरू पात्रो, सुदेश मुखी, शशि मुखी, कोला मुखी, जानी भुइयां, मनीष कुमार प्रसाद, नंदकिशोर मुंडा, संतोष रजक, शंभु झा, चंदन सिंह, गणेश सिन्हा, विशाल सिंह, अमरेन्द्र कुमार, पूजा सिंह, श्रीराम साव, राज सिंह, राज पासवान, अनुज, कोला, नारायण महानंद मुखी, शुभम, विक्की, रमेश सिंह सोनू सिंह के अलावा नमन परिवार के अन्य सक्रिय सदस्यों ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया। काले ने इस पुनीत कार्य को सफल बनाने के लिये अपने सभी सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट किया।