पलामू : पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में पलामू एवं संथाल परगना प्रमंडल के सांसदों एवं विधायकों के साथ कोविड-19 महामारी की रोकथाम के विषयों पर आयोजित वर्चुअल मीटिंग में सम्मिलित होकर पलामू संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत दोनों जिले पलामू एवं गढ़वा की वर्तमान स्थितियों में सुधार करने हेतु आवश्यकताओं एवं अपने सुझावों से उन्हें अवगत कराया। श्री राम ने मीटिंग बुलाने के लिए सर्वप्रथम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद देते हुए कहा आज पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। पलामू प्रमंडल भी इससे अछूता नहीं है। उपलब्ध आकड़ों के अनुसार पलामू जिला में आज के दिन में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 8232 है। इसमें से कुल 1836 मरीज सक्रिय है तथा कोरोना संक्रमण से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 74 है (वर्ष 2020- 24 एवं वर्ष 2021- 50) इसी प्रकार गढ़वा जिला में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 5120 है तथा इनमें से कुल 1057 मामले सक्रिय हैं तथा मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 59 है। निश्चित रूप से स्थिति चिंतनीय है। जिस प्रकार दूर-दराज से ग्रामीण क्षेत्र कोरोना संक्रमण से प्रभावित हो रहे है, आने वाले दिनों में ऑक्सीजन युक्त बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, Flowmeter एवं Nasal cannula pipe की भयंकर कमी होगी। वैसे वर्तमान में भी इनकी कमी महसूस की जा रही है। विदित है कि पलामू संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों में Advance Life support ambulance नहीं है। पलामू एवं गढ़वा से राँची की दूरी क्रमशः 163 किमी एवं 203 किमी है। गंभीर बीमार व्यक्ति को safely इतनी दूर बिना Advance life support ambulance के ले जाना संभव नही है। अतः दोनों जिलों में दो-दो Ambulance उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी इस बीमारी को छिपाने की प्रवृति देखने को मिल रही है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है कि टीकाकरण क्यों आवश्यक है। (नीचे भी पढ़ें)
सांसद ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों में 6 से 8 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं जबकि यह संख्या 2 से 3 प्रतिशत से अधिक नही होनी चाहिए। यह तभी संभव है जब सरकार official social media account से इस संबंध में लोगों को जागृत करें। विज्ञापन/अपील समाचार पत्रों में देकर भी इस कार्य को किया जा सकता है। धन राशि की कमी नहीं लगती है। Central Spl. Assistance, DFMT, NitiAyog, Disaster Management Fund, दूर-दराज के क्षेत्रों में टीकाकरण की व्यवस्था, ऑक्सीजन सिलेंडर की Home isolation की स्थिति में व्यवस्था। खाली बेडों (ऑक्सीजन युक्त, वेटीलेटर युक्त) की अद्यतन (update) स्थिति की जानकारी सार्वजनिक करना। मरीज सदर अस्पताल में भर्ती होने के लिए आते हैं। यदि सदर अस्पताल में बेड खाली नही हो तो वहाँ पर उस मरीज को यह जानकारी देने की व्यवस्था होनी चाहिए कि किस अस्पताल में जगह खाली है और उसे वहाँ Ambulance के माध्यम से ले जाने की व्यवस्था होनी चाहिए। जमाखोरी, कालाबाजारी- दवाइयों का, उपकरणों का रोकने का सार्थक प्रयास होना चाहिए। HR की कमी- Doctors/Paramedics/Nurses/ANM/GNM की कमी, Children ward-3rd wave को रोकने के लिए तैयारी समुचित तैयारी करने की आवश्यकता है।