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pm-modi-meeting-with-cm-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की कोरोना को लेकर बैठक, वैट कम कर पेट्रोल-डीजल की कीमत में लोगों को राहत देने की अपील, पीएम मोदी ने झारखंड को भी सुनायी खरी-खरी, झारखंड के मुख्यमंत्री मीटिंग में नहीं हुए शामिल, स्वास्थ्य मंत्री हुए शामिल, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रधानमंत्री पर बोला हमला, कहा-पीएम की मीटिंग कोरोना पर कम, पेट्रोल डीजल और राजनीति पर ज्यादा थी, झारखंड को बोलने नहीं दिया गया

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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता मीटिंग में मौजूद रहे.

नयी दिल्ली/रांची : कोरोना के चौथे चरण के खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम बैठक राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैट को कम करने की अपील राज्यों से की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को देशहित में तेल पर वैट कम करके जनता को राहत देनी चाहिए. सरकार की तरफ से पहले भी पेट्रोल के दामों में कमी लाने की कोशिश की गयी है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फेडरल सरकारें काम करती है, इस कारण इसको लेकर केंद्र और राज्य की सरकार को जनहित में कदम उठानी चाहिए. कुछ राज्यों नें केंद्र की अपील के बाद वैट कम नहीं किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता पर बोझ कम पड़े, इसके लिए राज्यों को चाहिए कि वैट कम करें. झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू जैसे राज्यों ने किसी न किसी कराणं से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर काफी ज्यादा बोझ पड़ चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नवंबर में इसको करना था, अब वैट कम करके राज्यों की जनता को इसका लाभ पहुंचाने की जरूरत है. इस दौरान उन्होंने कोरोना पर चर्चा करते हुए कहा कि विश्व के कई देशों में कोरोना महामारी के लक्षण दिखाये दे रहे है. भारत में भी कुछ राज्यों में कोरोना के केस बढ़े हैं. आधारभूत सरचरना को और मजबूत बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए अस्पतालों में सभी जरूरी उपकरणों की मौजूदगी सुनिश्चित की जानी चाहिए. ग़गर कहीं कोई कमी है तो टॉप टू बॉटम लेवल पर इसको दूर किया जाना चाहिए. कोरोना के खिलाफ हम सब लड़ते रहेंगे और रास्ते भी निकालते रहेंगे. कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना में राज्यों की अहम भूमिका है. कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, इससे लड़ने के लिए वैक्सीन की सबसे बड़ी कवच जरूरी है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्यों की भूमिका काफी जरूरी होगी. (नीचे देखे पूरी खबर क्या कहा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने)

झारखंड के सीएम नहीं ले पाये हिस्सा, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को नहीं मिला बोलने का मौका, स्वास्थ्य मंत्री बोले-कोरोना का कम, राजनीति ज्यादा की प्रधानमंत्री ने
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मां की तबीयत बिगड़ने के कारण वे इस बैठक में शामिल नहीं हो पाये. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसमें शिरकत की. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीटिंग के बाद मीडिया को बताया कि उन लोगों को बोलने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार हाथ भी उठाया, लेकिन उनको बोलने का मौका नहीं दिया गया. मंत्री बन्ना गुप्ता ने हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की यह बैठक विशुद्ध रुप से राजनीतिक बनकर रह गयी. सिर्फ पेट्रोल-डीजल की कीमत पर बातें प्रधानमंत्री ने ज्यादा की. चूंकि, जिस तरह से दुनिया के देशों में ओमीक्रोन के नये रुप आ रहे है जबकि देश के कुछ राज्यों में इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है, यह आशा थी कि कुछ बढ़िया बातें प्रधानमंत्री करेंगे, लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि फेडरल सरकारें है, एक दूसरे को साथ मिलकर काम करना चाहिए. श्री गुप्ता ने कहा कि लेकिन जब बड़े लोग इसका अनुसरण करते है तो छोटे लोग देखकर सीखते है, लेकिन ऐसा प्रधानमंत्री के स्तर पर भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ज्यादातर संबोधन पेट्रोल और डीजल पर ही था. इसको लेकर झारखंड का भी जिक्र उन्होंने किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण स्वास्थ्य की दिशा और दशा पर कम थी, पेट्रोल और डीजल की कीमत में हो रही सफाई देने की ज्यादा थी. बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम लोग प्रधानमंत्री के आदेश और निर्देश का अनुपालन कर रहे है. झारखंड में मात्र 22 केस बचे है. घबराने की जरूरत नहीं है. डरने की जरूरत नहीं है. हम ट्रीटमेंट, टेस्टिंग भी कर रहे है और राज्य सरकार गंभीर है. श्री गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना था कि झारखंड में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे है, जबकि वैट को कम करना चाहिए. पेट्रोल-डीजल या रसोई गैस केंद्र सरकार का मामला है. लेकिन इस पर इतनी बातें प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देती है. अगर नहीं होता है तो यह राज्यों को अधिकार दे दीजिये, इसको भी जीएसटी के दायरे में ला दीजिये. एक नीति का निर्धारण कर दिया जाना चाहिए ताकि हमेशा की समस्या दूर हो जाये. लेकिन अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग नीति और रीति चलेगी तो उचित नहीं है. फेडरल गवर्नेमेंट मानव हित, राज्य हित और राष्ट्रहित में होना चाहिए. वैचारिक मतांतर अलग होती है, लेकिन संघीय सरकारों में एक दूसरे के विपरित नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर प्रधानमंत्री का संबोधित 40 फीसदी हेल्थ पर और 60 फीसदी पेट्रोल और डीजल पर थी.

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