जमशेदपुर : दक्षिण-पूर्व रेलवे के पश्चिम बंगाल के खेमासूली स्टेशन के पास कुड़मी जाति के लोगों द्वारा किये गये रेल रोको आंदोलन को समाप्त कर दिया गया है. बताया जाता है कि उचित कार्रवाई करने और दुर्गा पूजा को देखते हुए यह चेतावनी देते हुए आंदोलन को वापस लिया गया है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे लोग आंदोलन को फिर से शुरू कर देंगे. लगातार पांचवें दिन बंगाल के खेमासूली स्टेशन के पास कुड़मी जाति की संस्था कुड़मी/कुरमी टोटेमिक मोर्चा के बैनर तले आंदोलन किया जा रहा था. इससे लोग तंग तबाह हो गये थे. शनिवार को दोपहर करीब 1 बजे पुरुलिया के कौस्तूर से आंदोलन लेने की घोषणा कुड़मी नेता अजीत महतो द्वारा की गयी. बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल कल्याण विभाग के सचिव संजय बंसल के अलावा झाड़ग्राम, पश्चिमी मेदिनीपुर और पुरुलिया के डीसी और एसपी के आने के बाद वार्ता हुई. इस वार्ता के बाद यह बताया गया कि मामले की आवाज केंद्र सरकार तक पहुंच चुकी है. राज्य सरकार द्वारा भी इसको लेकर पहल की जायेगी कि कुड़मी जाति को आदिवासी की सूची में शामिल किया जाये. यह हवाला दिया गया कि अब दुर्गा पूजा आने वाला है. लोग पूजा में अपने घरों की ओर जाना चाहते है. ट्रेन नहीं चलने से उनके ही लोग तबाह हो रहे है. परेशान हो रहे है. इसके बाद आंदोलनकारी कुड़मी जाति के लोगों ने आंदोलन को वापस लेने की घोषणा कर दी. इसके बाद अब रेलवे सेफ्टी द्वारा रेलवे ट्रैक का इंस्पेक्शन किया जा रहा है क्योंकि करीब पांच दिनों तक लोग ट्रैक पर थे. यह अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं ट्रैक खराब नहीं हो जाये. इस कारण ट्रैक को दुरुस्त करने के बाद रेलवे का परिचालन शुरू हो जायेगा.
शनिवार को भी 163 यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया
कुड़मी जाति के लोगों को आदिवासी समाज में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन के कारण शनिवार को भी कुल 163 यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया. 61 ट्रेनों को टर्मिनेट किया जा चुका है. 99 ट्रेनों का मार्ग बदलकर चलाया जा रहा है. तीन ट्रेनों को रिशिड्यूल कर चलाया जा रहा है. इससे लोग परेशान ही है.
108 घंटे में 500 से अधिक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित
कुड़मी जाति को आदिवासी में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहा आंदोलन 108 घंटे तक चला. 500 से अधिक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा. पांच सौ करोड़ रुपये का नुकसान रेलवे को उठाना पड़ा है. यात्री काफी परेशान हुए. कई लोगों की परीक्षाएं छूटी, तो कई लोग इलाज नहीं करा पाये. आने जाने का सरल माध्यम होने के कारण रेलवे से परिचालन नहीं हो पाया.