रांची : झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का का हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने कारा महानिरीक्षक द्वारा जारी आदेश को निरस्त कर दिया है. कारा महानिरीक्षक द्वारा आदेश जारी किया गया था कि पेरोल की अवधि को 90 दिनों से घटाकर 60 दिनों को कर दिया जाए. मंगलवार को जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सरकार की उस दलील को भी नहीं माना जिसमें कहा गया था कि एनोस एक्का पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू नहीं होता, जिसमें पेरोल और अंतरिम जमानत वालों की राहत अगले आदेश तक बरकरार रहेगी. बता दें कि एनोस के 90 दिनों की पेरोल की अवधि 28 अगस्त को समाप्त होने वाली है.एनोस एक्का को राज्य सरकार ने मई में 90 दिनों का पेरोल दिया था. पेरोल से बाहर निकलने के बाद कारा महानिरीक्षक ने एक आदेश जारी कर एनोस से कहा कि उनकी पेरोल की अवधि 90 दिनों से घटा कर कम कर दी गयी है. उन्हें 60 दिन पूरा होने के बाद सरेंडर करने को कहा गया था. राज्य में कोरोना का प्रकोप अभी जारी है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार प्रार्थी को सरेंडर नहीं करा सकती. जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश एनोस पर लागू नहीं होता, लेकिन अदालत ने सरकार के इस दलील को नहीं माना और कारा महानिरीक्षक के उस आदेश को रद्द कर दिया.