rbi-big-decision-आरबीआई ने बढ़ायी रेपो रेट, सभी तरह के लोन अब होंगे महंगे, एफडी पर बढ़ेगा ब्याज दर

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नयी दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट में 0.40 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति रेपो रेट बढाने के लिए एक प्रस्ताव लाया था जिसके बाद सर्वसम्मति से 40 बीपीएस बढ़ाने के लिए समिति के सदस्यों ने मतदान किया.जिसके बाद अब रेपो रेट4.4 फीसदी हो गयी.(नीचे भी पढ़े)

रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद होम लोन, कार लोन व पर्सनल लोन की ब्याज दर महंगे हो जाएंगे.साथ ही ईएमआई भी बढ़ जाने की संभावना है. रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद सेंसेक्स में 1300 से अधिक अंकों की गिरावट आयी है. श्री दास कहा कि महंगाई को काबू करने लिए यह निर्णय लिया गया. इस समय वैश्विक मु्द्रास्फीति भारत की रिकवरी के लिए एक चुनौती पेश कर रही है. यूएस फेडरल रिजर्व रिकॉर्ड मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए प्रमुख ब्याज दर में 50 अंक की बढ़ोतरी कर सकता है.(नीचे भी पढ़े)
आर्थिक विकास दर 7.2 प्रतिशत लक्ष्य
आरबीआई गवर्नर ने अप्रैल में मौद्रिक नीति समीक्षा में वित्त वर्ष 2023 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 5.7 प्रतिशत किया था और आर्थिक विकास की दर को 7.2 प्रतिशत पर रखा था. इससे पिछली मौद्रिक नीति की समीक्षा में आरबीआई ने अपना फोकस ग्रोथ के बजाय मुद्रास्फीति पर करने का संकेत दिया था.वैश्विक कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के साथ-साथ पाम तेल के निर्यात पर इंडोनेशियाई प्रतिबंध से भारत के लिए महंगाई काबू कर पाना मुश्किल हो रहा है.
क्या है रेपो रेट
रेपो रेट कर्ज की वह दर होती है जिस पर बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक से उधारी लेते हैं. इससे बैंक के फंड की लागत बढ़ जाती है. परिणाम स्‍वरूप, होम लोन, कार लोन और पर्सलन लोन जैसे कर्ज की दरों में बैंक इजाफा करते हैं. दूसरी तरफ, लोगों से फंड जुटाने के लिए बैंक फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट जैसे प्रोडक्‍ट की ब्‍याज दरों में इजाफा करते हैं.

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