चाईबासा : हेमंत सरकार के एक आदेश ने सूबे के सरकारी महकमे में हड़कंप मचा दिया है। झारखंड में पूर्व की रघुवर सरकार के दौरान नियुक्त की गई कंसल्टेंसी और आउटसोर्सिंग कंपनियों पर मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार की पर पैनी नजर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी विभागों और उनके तहत आने वाले बोर्ड, निगम और संस्थाओ के कर्मचारियों का पूरा ब्योरा मांगा है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव डीके तिवारी ने इस संबंध में सभी विभागों कों पत्र लिखकर 48 घंटे में यह जानकारी देने को कहा है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों और सदस्यों की नियुक्ति या मनोनयन प्रक्रिया और योग्यता की जानकारी दें। कौन-कौन पदधारक कब से कार्यरत हैं और उनका कार्यकाल कब तक है, यह भी बताएं।
यह जानकारी सरकारी और गैर सरकारी, सभी व्यक्तियों और संस्थाओ से मांगी गई है। मुख्य सचिव का पत्र मिलने के बाद सभी विभागों में हड़कंप मचा हुआ है। गौरतलब है कि पिछली सरकार में 2015 में लगभग सभी विभागों में ई एंड वाई, पीडब्ल्यूसी, केपीएमजी, ड्रीम लाइन जैसी निजी कंपनियों को कंसल्टेंट और मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बहाल किया गया था। इन कंपनियों के कई कर्मचारी अभी भी कार्यरत हैं।