चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिलें के झीकपानी प्रखंड क्षेत्र के नयागांव में विगत 15 सालों से साई स्पंज कंपनी चल रही है. कंपनी द्वारा माइनिंग एक्ट के नियमों की धज्जिंया उड़ाई जा रही है लेकिन विभाग मौन है. इससे सरकार को लाखों रुपए नुकसान हो रहा है. साथ ही कंपनी से निकलने वाले धुलकण से ग्रामीण परेशान है. इससे इनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. प्रदूषण विभाग भी इसपर कोई कार्रवाई नहीं करती है. जबकि सरकारी नियम के अनुसार स्पंज आयरन कंपनी उसी को दिया जाता है जिस कंपनी के पास अपना स्टील प्लांट हो लेकिन साई स्पंज का आज तक कोई स्टील कंपनी है ही नहीं. किस आधार पर उक्त प्लांट चल रहा है. यह तो जांच का विषय है. ग्रामीण इलाके में उक्त कंपनी से निकलने वाला काले रंग का घुलकण लोगों को प्रदुषण का शिकार बना रहा है. इससे दर्जनों गांव के लोग प्रदूषण की मार झेलने को मजबूर हैं. साई स्पंज फैक्टरी से निकलने वाले काले धुएंसे आम लोग ही परेशान नहीं है, बल्कि इस प्रदूषण से पर्यावरण पर बुरा असर पड रहा है. हर तरफ काले धूल जम गए हैं. इतना ही नहीं फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषित पानी को भी खुलेआम बहा दिया जा रहा है. जिससे आस-पास के खेतों की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है. इस मामले में आदिवासी संगठनों ने राष्टपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्रदूषण बोर्ड को कई बार पत्राचार किया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है.
west-singhbhum-झींकपानी के नयागांव में साई स्पंज प्लांट से ग्रामीण परेशान, माइनिंग नियमों की उड़ रही धज्जियां, विभाग मौन
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