अन्नी अमृता / जमशेदपुर : झारखंड में ढाई सालों से बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है जिस वजह से वैध तरीके से बालू उठाव नहीं हो रहा है. इस वजह से सारे निर्माण कार्य ठप हैं. अगर दूसरे राज्यों से बालू लाया जाए तो उसका चालान राज्य में वैध नहीं है. ऐसे में आए दिन गाड़ियों को जब्त किया जा रहा है. बालू सप्लायर, ट्रैक्टर मालिकों से लेकर उससे जुड़े मज़दूरों की हालत पस्त हो गई है. इन लोगों ने रमेश हांसदा के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया है और राज्य सरकार से बालू घाटों की नीलामी की मांग की है. शार्प भारत की टीम ने आदित्यपुर फुटबॉल मैदान में इन लोगों से बातचीत की. (नीचे भी पढ़ें व वीडियो देखें)
सरायकेला के आदित्यपुर में जुटे लोगों ने बताया कि काम ठप होने से वे लोग अपनी गाड़ियों की ईएमआई नहीं भर पा रहे हैं. अगर वे लोग बालू उठाते हैं तो प्रशासन पकड़ता है और अगर काम नहीं करते हैं तो बैंक का इएमआई नहीं भर पाते हैं, तब बैंक का दबाव बढ़ने लगता है. बालू के कार्य से भरण-पोषण करनेवाले मज़दूर आज बेकार हो गए हैं, लेकिन इन सबकी सुनने वाला कोई नहीं. जनप्रतिनिधि भी खामोश हैं.