सरायकेला : कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पूरे देश में हाई अलर्ट जारी है. जहां 21 दिनों के लॉक डाउन के बाद लॉक डाउन पार्ट 2 शुरू हो चुका है, लेकिन अभी भी लोग इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के खतरे को नहीं समझ पा रहे. जी हां आप देख सकते हैं इन तस्वीरों में. यह नजारा है झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड कार्यालय का. जहां लोग सारे नियम कानून को तोड़कर ऐसे उमड़ रहे हैं जैसे यहां कोई बड़ी योजना की जानकारी दी जा रही है. वैसे सभी यहां राशन लेने के लिए जुटे हैं.
आपको बता दें कि ये वैसे लोग हैं, जिन्हें ना तो मुखिया ना ही वार्ड पार्षद की ओर से राशन- पानी मुहैया कराया जा रहा है. तो साहब जिनके पेट में आग लगेगी वह भला नियम कानून क्यों माने, उन्हें तो पहले अपने पेट की चिंता है. भाड़ में जाए कोरोना क्योंकि कोरोना से बचने के चक्कर में ये सभी भूख से मर जाएंगे. वैसे इन्हें न राशन मिली न अधिकारियों के दर्शन ही हुए बेचारे बैरंग लौट गए. अब सवाल ये उठता है कि जिले में अगर कोई सामाजिक संस्था या जनप्रतिनिधि जरूरतमंदों को अनाज- पानी मुहैया कराती है तो उन पर एफआईआर दर्ज कर दिया जाता है. सरकार के पास जब ये जरूरतमंद पहुंचते हैं तो इन्हें निराशा हाथ लगती है. अब ये बेचारे जाएं तो जाएं कहां. बड़ा सवाल यह भी है, कि आखिर इतने सारे लोग लॉक डाउन तोड़कर प्रखंड कार्यालय परिसर में जमा कैसे हो गए. जमा हुए तो हुए इन्हें यहां सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन क्यों नहीं कराया गया. जिम्मेदार कौन है यह आप तय करें.