Saraikela : सम्मान पाने की आस लिए एक और झारखंड आंदोलनकारी 45 वर्षीय शिशुपाल उर्फ जगड़ु हेंब्रम ने दम तोड़ दिया. मुकुंदपुर गांव स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली. शिशुपाल की मौत की खबर सुनते ही अन्य सभी झारखंड आंदोलनकारी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. झारखंड आंदोलनकारी मंच के संयोजक धनपति सरदार के नेतृत्व में स्वर्गीय शिशुपाल के लिए मौन प्रार्थना करते हुए श्रद्धांजलि दी गई.
मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की गलत नीति के कारण अभी तक आंदोलनकारियों को पहचान तक नहीं मिली है. झारखंड में सत्ता जरूर बदली है लेकिन व्यवस्था जस की तस बनी हुई है. शिशुपाल झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग का चक्कर सालों से लगाते हुए अपनी पहचान तलाश रहे थे. आज तक उन्हें किसी भी तरह का सरकारी लाभ नहीं मिल पाया. संघर्ष कर राज्य का सपना पूरा करने वाले झारखंड आंदोलनकारियों को अपने ही राज्य में इंसाफ नहीं मिलना अत्यंत दुर्भाग्य का विषय उन्होंने बताया है. बताते चलें कि स्वर्गीय शिशुपाल अपने पीछे अपनी पत्नी सहित दो पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं.