खरसावां : केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि जल जंगल एवं जमीन हमारी पहचान है. बदलते परिवेश में आदिवासी समाज की भूमिका अहम हो गई है. परंपरा, प्राकृतिक सभ्यता एवं भाषा को संरक्षित कर आदिवासी समाज को आगे बढ़ना होगा. जनजातीय समाज को शिक्षित बनाने के लिए केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. श्री मुंडा शुक्रवार को महा जन संपर्क अभियान के तहत कुचाई किसान भवन में वन पालन समिति के संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. (नीचे भी पढ़ें)
श्री मुंडा ने पेसा कानून एवं फॉरेस्ट राइट एक्ट के अधिकारों की चर्चा करते हुए कहा कि जल जंगल एवं जमीन पर वनाश्रित आदिवासियों का अधिकार है. धरती पुत्र होने के नाते आदिवासियों को वन अधिकार, पट्टा अधिकार और यहां तक कि सामुदायिक अधिकार भी होने चाहिएं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें ये अधिकार मिलें. श्री मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार ने समस्त गांवों को वन क्षेत्र के प्रबंधन और संरक्षण की जिम्मेवारी दी है. इसी में फॉरेस्ट राइट एक्ट भी है और इसे पुनः संरक्षित करने का काम भारत सरकार कर रही है. हाई कोर्ट ने भी कहा है कि जंगल के प्रबंधन का अधिकार वहां रहनेवाले लोगों का है और भारत सरकार इसपर काम कर रही है. हमारी पहचान जल, जंगल और जमीन से है. बिरसा मुंडा का बलिदान भी जल, जंगल, जमीन के लिए हुआ. इसके बाद कुचाई प्रखंड मुख्यालय पहुचकर केन्द्रीय मंत्री ने अचंलाधिकारी रवि कुमार और प्रखंड विकास पदाधिकारी सुजाता कुजूर से वन कानून के तहत सामुदायिक वन पट्टा और व्यक्तिगत वन पट्टा वितरण किये जाने से संबधित जानकारी ली.(नीचे भी पढ़ें)
श्री मुंडा ने कहा कि एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल योजना की शुरुआत की गई है, जो नवोदय विद्यालय की तर्ज पर चलेंगे एवं उनमें साढे तीन लाख बच्चों का एडमिशन होगा. इनके लिए हमारा मंत्रालय 12 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करेगा. ऐसा ही एक स्कूल कुचाई में बनेगा, जिसमें ब्लॉक स्तर के बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे. उन्होंने लोगों से बच्चों का एकलव्य में नामाकंन कराने की तैयारी करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि खूंटपानी में अगर जमीन मिली तो 5 करोड़ की लागत से इनडोर स्टेडियम बनेगा. शिक्षा और खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमारा मंत्रालय 20 हजार करोड़ खर्च करेगा. ऑनलाइन स्टाइपेंड और स्कॉलरशिप के तहत 30 लाख बच्चों को हमारा मंत्रालय पैसा देगा. उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय हर वर्ष 20 छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजता है. उन्होंने एक बच्चे पर डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर करेंगे.(नीचे भी पढ़ें)
कुचाई प्रखंड के बारुहातु में महा जनसंपर्क अभियान के तहत केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के साथ संवाद किया. इस दौरान बारुहातु और अरुवां क्लस्टर के लिए सांसद निधि से 14-14 लाख की लागत से बनने वाले सखी मंडप बनाने के लिए ऑनलाइन आधारशिला रखी. मौके पर उन्होंने कहा कि महिलाएं सशक्त हों, यह केन्द्र की मोदी सरकार की मंशा है. इसके तहत बेटी पढ़ाओ- बेटी बढ़ाओ के मूल मंत्र के साथ काम हो रहा है. श्री मुंडा ने महिलाओं से गांवों को रोजगार का केंद्र बनाने की अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण महिलाओं को रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों से जोड़ने का काम चल रहा है. स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जीवनयापन में कैसे वृद्धि हो इस दिशा में मंत्रालय काम कर रहा है. इससे समृद्ध गांव और समाज का निर्माण हो सकेगा.(नीचे भी पढ़ें)
उधर कुचाई वन पालन समिति द्वारा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को पांच सूत्री ज्ञापन सौप कर वनों को पुनर्जीवित करने के लिए केम्पा फंड को सम्बंधित ग्राम सभा या वन पालन समिति को देने, वन में लगी आग को बुझाने के लिए सरकार की ओर से ग्राम सभा या वन पालन समिति को उचित राशि उपलब्ध कराने, वन क्षेत्र के ग्रामीणो को वनोपज का उचित लाभ के लिए बाजार जुटाने, तसर का उचित लाभ स्थानीय लोगों को मिले,इसके लिए तसर बुनाई केंद्रों को पुनर्जीवित करने की मांग की गई. केंद्रीय मंत्री को मांग पत्र सौपने के दौरान कुचाई वन पालन समिति के अध्यक्ष मनोज मुइुई, ग्राम सभा मंच के सचिव सुखराम मुंडा, राज मोहन गुदुवा, भरत सिंह मुंडा, राय सिंह मुंडा, मानकी मुंडा, मंगल सिंह मुंडा, कारू मुंडा, सुरेश सोय, साधु चरण मुंडा आदि उपस्थित थे.(नीचे भी पढ़ें)
इस दौरान जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, मीरा मुंडा, पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय, कुचाई प्रमुख गुड्डी देवी, खरसावां प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, खूंटपानी प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा, मुखिया लुदरी हेम्ब्रम, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो, सुखराम मुंडा, सत्येन्द्र कुम्हार, उदय सिंहदेव, मंगल सिंह मुंडा, मनोज मुदुइया, धर्मेन्द्र सांडिल, अश्विनी सिंहदेव, मनीषा सामड, लाल सिंह सोय, प्रशांत कुमार महतो, अमित केसरी, विश्वजीत प्रधान, मानकी मुंडा आदि मौजूद थे.