खबरSaraikela-Chandil : चांडिल में अधिकारी कर रहे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा, फाइलेरिया उन्मूलन...
spot_img

Saraikela-Chandil : चांडिल में अधिकारी कर रहे जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा, फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किए जाने पर भड़की प्रखंड प्रमुख, बीडीओ पर लगाया आदिवासी जानकर अपमानित करने का आरोप

राशिफल

चांडिल : सरायकेला-खरसवां जिले के चांडिल में अफसरशाही हावी है. यहां के अधिकारी, सरकारी कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों की आवश्यकता महसूस नहीं करते हैं. आए दिन देखा जाता है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलन और फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ, उद्घाटन किया जाता है. हाल ही में कुछ महीने पूर्व चांडिल प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार ने तमोलिया पंचायत में एक आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन किया था. शायद, बीडीओ साहब कार्यक्रम का शुभारंभ करना और उद्घाटन करना अपना अधिकार समझ बैठे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक दिसंबर से फाइलेरिया मुक्ति अभियान शुरू किया गया. राज्य के सभी जिलों में स्थित अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से इस अभियान का शुभारंभ हुआ. राज्य के प्रायः सभी जगहों पर आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही अभियान का शुभारंभ हुआ, लेकिन चांडिल प्रखंड ने एक अलग इतिहास रचा है. यहां जनप्रतिनिधि मुक्त कार्यक्रम हुआ. (नीचे भी पढ़ें)

गुरुवार को चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल में फाइलेरिया मुक्ति अभियान का शुभारंभ कार्यक्रम हुआ, पर यहां कार्यक्रम में विधायक, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, मुखिया इत्यादि कोई भी मौजूद नहीं थे. यहां प्रखंड विकास पदाधिकारी और आसपास के प्रभारी डॉ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कार्यक्रम संपन्न कराया. अब यह कहना मुश्किल है कि अधिकारियों ने किसी जनप्रतिनिधि को आमंत्रित करना उचित नहीं समझा या उन्हें आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. हालांकि, जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम की सूचना थी या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए हमने चांडिल प्रखंड प्रमुख अमला मुर्मू से जानकारी ली. अमला मुर्मू ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी. अमला मुर्मू ने कहा कि चांडिल प्रखंड के सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं करते हैं. (नीचे भी पढ़ें)

प्रमुख अमला मुर्मू ने कहा कि वह एक आदिवासी संथाल समाज की महिला हैं, इसलिए प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार करते हैं. अमला मुर्मू ने बताया कि चांडिल में जिस तरह के कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने स्वयं उद्घाटन किया है उस प्रकार अन्य प्रखंड में नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि राजनगर प्रखंड में वहां के जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था और उनके हाथों कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ है. चांडिल प्रमुख अमला मुर्मू की बातों से एक बात स्पष्ट है कि चांडिल प्रखंड में अफसरशाही हावी है. यहां जनप्रतिनिधियों की नहीं, अफसरों की चलती हैं. भला किसी भी सरकारी कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया जाना, कौन सा नियम है ?

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading