सरायकेला : सरायकेला जिला के कुछ दबंग परिवार इन दिनों दबंगई की हद पार कर चुके हैं. ताजा मामला चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के तिरुलडीह थाना क्षेत्र का है, जहां एक परिवार के भाइयों ने मिलकर अपने ही एक भाई को अपने पैतृक संपत्ति से बेदखल कर दिया है. लम्बे समय से वह अपने भाइयों के आगे गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन उन्होंने उन्हें जमीन देने से इंकार कर दिया. तब उन्होंने हार कर कानून का सहारा लेना चाहा. यहां बात तिरुलडीह के अमानत अंसारी की हो रही है जिन्हें उनके भाइयों ने पैतृक जमीन से बेदखल कर दिया है. इसकी शिकायत करते हुए अमानत अंसारी ने चांडिल अनुमंडलाधिकारी से न्याय की लिए गुहार लगायी है. (नीचे भी पढ़ें)
चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी ने गत 19 मार्च 2021 को संबंधित भूभाग पर धारा 144 लगा दिया, जिसकी कॉपी उन्होंने सम्बंधित तिरुलडीह थाना को भेजी. 26 मार्च को तिरुलडीह थाना द्वारा उक्त केस की प्रति स्वीकार भी किया गयी, लेकिन अभी तक उस पर कोई करवाई नहीं हुई. आज भी उक्त जमीन पर मनरेगा के तहत कूप निर्माण चल रहा है. पीड़ित अमानत अंसारी ने बताया कि इस संबंध में कुकड़ू सीओ को भी इसकी जानकारी दी, तो उन्होंने भी टाल-मटोल कर दिया और कार्य को बंद नहीं करवाया. (नीचे भी पढ़ें)
अमानत अंसारी का कहना है कि तिरुलडीह थाना प्रभारी व कुकड़ू सीओ की मिली भगत से ही वह बेफिक्र होकर अनुमंडल अधिकारी के आदेश का अवहेलना कर रहे हैं. यहां पीड़ित द्वारा सवाल उठया जा रहा है कि आखिर अनुमंडलाधिकारी द्वारा लगायी गयी धारा 144 की अवहेलना केवल उसके भाई ही कर रहे हैं या कुकड़ू सीओ एवं तिरुलडीह थाना प्रभारी भी अवहेलना कर रहे हैं. क्या इन अधिकारियों के सामने कानून का कोई स्थान नहीं है? क्या ये मनमानी करने के लिए स्वतंत्र हैं, आखिर ये न्याय दिलाने में पीछे क्यों हट रहे है. ये उच्चस्तरीय जांच का विषय है.