खबरsaraikela-drowning-case-मेटाल्सा कंपनी में तीन मासूम बच्चीं मौत के बाद हंगामा देर शाम...
spot_img

saraikela-drowning-case-मेटाल्सा कंपनी में तीन मासूम बच्चीं मौत के बाद हंगामा देर शाम को हुआ शांत, परिजनों और स्थानीय लोगों ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

राशिफल

सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिला के बालिगुमा स्थित मेटालसा कंपनी में बुधवार को हुए हादसे में मारे गए तीनों मासूम बच्चों के परिजनों को 50- 50 लाख मुआवजा एवं कंपनी में स्थायी नौकरी देने के लिए त्रिपक्षीय वार्ता के बाद 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए शुक्रवार देर शाम जाम हटा लिया गया. त्रिपक्षीय वार्ता में प्रशासन कंपनी प्रबंधन एवं स्थानीय विधायक के साथ मृतकों के परिजन मौजूद रहे. इस संबंध में जानकारी देते हुए विधायक दशरथ गगराई ने घटना पर गहरी संवेदना प्रकट करते हुए घटना के लिए सीधे- सीधे प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर कंपनी ने समय रहते बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस दिया होता तो कम से कम बच्चे की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि 48 घंटे के भीतर अगर प्रबंधन ने उनकी मांग नहीं मानी तो कंपनी से निर्मित उत्पाद को बाहर निकलने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने बताया, कि जिस उम्मीद के साथ ग्रामीणों ने कंपनी के निर्माण हेतु अपने जमीन दिए कहीं ना कहीं कंपनी ग्रामीणों के उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है. ऐसे में अगर इस घटना में कंपनी प्रबंधन की ओर से मानवीय संवेदना के तहत उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो कंपनी में तालाबंदी कर कंपनी का पुरजोर विरोध किया जाएगा. बता दें कि बुधवार को गांव के तीन मासूम बच्चे कंपनी के बाउंड्री में बने सुरंग से भीतर प्रवेश कर गए और कंपनी के अंदर बने तालाब में नहाने लगे. इसी क्रम में एक ही परिवार के तीन बच्चे डूब गए. इनमें से दो बच्चे सगे भाई थे, जबकि एक चचेरा भाई था. तीनों बच्चों के डूबने के बाद जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली तो ग्रामीणों ने कंपनी से एंबुलेंस देने की गुहार लगाई, मगर कंपनी ने एंबुलेंस देने से मना कर दिया. आनन- फानन में दूसरे कंपनी से एंबुलेंस मंगाया गया और तीनों बच्चों को टाटा मुख्य अस्पताल ले जाया गया. जहां तीनों बच्चों की मौत हो गई. इधर शुक्रवार को तीनों बच्चों का पोस्टमार्टम के बाद शव लाया गया जिसके बाद ग्रामीणों ने मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर तीनों बच्चों के शवों को कंपनी के भीतर घुसा दिया और मांग माने जाने तक शव के साथ कंपनी के अंदर जमे रहे. हालांकि करीब 5 घंटे तक चले वार्ता के बाद 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए शवों को दाह संस्कार हेतु ले जाया गया. वार्ता के दौरान खरसावां विधायक दशरथ गगराई, सरायकेला बीडीओ मृत्युंजय कुमार, थाना प्रभारी मनोहर कुमार, प्रबंधन के अधिकारी एवं मृतकों के परिजन मौजूद रहे.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading