सरायकेला: झारखंड की वर्तमान यूपीए सरकार के सत्ता पर काबिज हुए एक साल पूरे हो चले हैं. इधर विपक्ष ने सरकार पर हमलावर रुख अपनाते हुए जमकर पलटवार शुरू कर दिया है. शनिवार को सरायकेला पहुंचे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने झारखंड सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए झारखंड के आदिवासियों एवं मूल वासियों के साथ छल करने का आरोप लगाया. श्री गिलुवा ने मीडिया से बात करते हुए वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार को आदिवासी मूलवासी विरोधी करार दिया.
चाईबासा के गुलिकेरा में हुए आदिवासियों के नरसंहार मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, कि एक साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार पीड़ित परिवार को मुआवजा देने में असमर्थ रही है. इससे साफ पता चलता है, कि राज्य सरकार आदिवासियों- मूलवासियों की कितनी हितेषी है. वहीं चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा चुनावी सभाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों पर राज्य की जनता से किए गए वायदों को याद दिलाते हुए जमकर हमला बोला. श्री गिलुवा ने बताया, कि राज्य के किसान बेहाल हैं. 5 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा कर सत्ता पर काबिज होने वाले मुख्यमंत्री 5 लोगों को भी रोजगार दे पाने में विफल रहे हैं. पारा शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ उन्होंने छल किया है.
वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए जा रहे हैं घरों को चुनावी मुद्दा से जोड़ते हुए राज्य की जनता को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस मकान बिजली- शौचालय युक्त देने का वायदा करने वाले मुख्यमंत्री आज अपने ही वायदे से मुकर गए हैं. राज्य का खजाना खाली होने की बात कर जनता को गुमराह करने का आरोप उन्होंने लगाया. वहीं उन्होंने राज्य के बंद पड़े खदानों को टेंडर करा खजाना भरने की नसीहत राज्य सरकार को दी है. साथ ही किसानों द्वारा उपजाए गए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भी उन्होंने सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे किसानों को लाभ आज भी जारी है, जबकि तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा जो लाभ दिया जा रहा था उसे बंद करने का आरोप उन्होंने राज्य सरकार पर लगाया. कुल मिलाकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज्य की वर्तमान सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए राज्य की जनता को गुमराह कर सत्ता पर काबिज होने का आरोप लगाया.