खबरsaraikela-kharsawan-administration-सरायकेला-खरसावां जिले में हो रहे लॉकडाउन का सख्ती से पालन, एक भी...
spot_img

saraikela-kharsawan-administration-सरायकेला-खरसावां जिले में हो रहे लॉकडाउन का सख्ती से पालन, एक भी मामला दर्ज नहीं, एक भी संदिग्ध क्वारंटाइन नहीं !

राशिफल

सरायकेला : खतरनाक कोरोना के संक्रमण को लेकर पूरे विश्व में कोहराम मचा हुआ है. वही इस खतरनाक वायरस के संक्रमण को रोकने को लेकर देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन है. उधर लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराने को लेकर देशभर के पुलिस- प्रशासन जरूरी एहतियात बरत रहा है. साथ ही लॉक डाउन कानून का उल्लंघन करने वालों पर एफआईआर दर्ज किया जा रहा है. वैसे पीआर बांड पर लोगों को छोड़ा भी जा रहा है, लेकिन इन सबसे इतर सरायकेला- खरसावां जिला पूरी तरह से महफूज है. यहां लॉक डाउन लागू होने के 10 दिन बाद भी ना तो किसी थाने में कानून तोड़ने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, ना ही जिले में एक भी संदिग्ध मरीज को कोरेटाइन पर रखा गया है. वैसे यह हास्यास्पद हो सकता है. हालांकि इस मामले में सरायकेला- खरसावां जिला जनसंपर्क विभाग और सिविल सर्जन कार्यालय पूरी तरह से निष्क्रिय प्रतीत हो रहा है. ना तो जिला जनसंपर्क विभाग की ओर से कोई सूचनाएं उपलब्ध कराई जा रही है, और ना ही सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से कोरेनटाइम पर रखे गए संदिग्ध मरीजों की सूची उपलब्ध कराई जा रही है. यहां तक कि जिले के सिविल सर्जन को यह भी नहीं पता कि जिले में कुल कितने संदिग्ध मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन पर और कितने लोगों को अस्पताल में कोरेनटाइन पर रखा गया है. वैसे जिले के उपायुक्त एसपी सहित तमाम आला अधिकारी पल- पल की गतिविधियों पर पैनी निगाह रखने का दावा करते हैं. दिनभर अलग- अलग इलाकों में सख्ती बरतते जरूर देखे जाते हैं, लेकिन जब इनका काफिला इलाके से निकल जाता है तो खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते लोग सड़कों, गलियों, मोहल्लों और चौक चौराहों पर नजर आने लगते हैं. ऐसे में स्थानीय पुलिस और चेक- नाकों पर तैनात जवानों की भूमिका संदेह के घेरे में आ जाती है. वैसे तबलीगी जमात मामले का खुलासा होने के बाद पूरे राज्य की पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है. और लगातार राज्य की गतिविधियों की सूचनाएं अपडेट कर रहे हैं. यहां तक कि मुख्यमंत्री सचिवालय एवं खुद मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री भी ट्विटर व अन्य संसाधनों के माध्यम से राज्य की जनता को वर्तमान हालात से अवगत करा रहे है, लेकिन सरायकेला- खरसावां जिला जनसंपर्क विभाग इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रियता बरत रहा है. यही हाल जिला सिविल सर्जन कार्यालय का भी है. वैसे संसाधनों की अगर हम बात करें तो जिले में उसकी भी घोर कमी है. ऐसे में अगर इस खतरनाक वायरस का संक्रमण जिला में हो जाता है तो आम लोगों को यह भी पता नहीं चल सकेगा कि जिले में कितने बेड कोरोना के मरीजों के लिए उपलब्ध है. वहीं पड़ोसी जिला जमशेदपुर में लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में सैकडों लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है साथ ही पीआर बांड पर चेतावनी देकर छोड़ा गया है.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading