सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले के माहरणालय सभा कक्ष में उपायुक्त इक़बाल आलम अंसारी की अध्यक्षता में जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वयक समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक में धूम्रपान मुक्त घोषणा समारोह का आयोजन किया गया. उक्त समारोह में जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों द्वारा धूम्रपान मुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया गया तथा उपायुक्त द्वारा सम्पूर्ण जिले को धूम्रपान/तम्बाकू मुक्त बनाए रखने की अपील की गई. तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार एवं सीड्स के द्वारा संयुक्त रूप से राज्य के सभी 24 जिलो में चलाए जा रहे तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम COTPA-2003 की विभिन्न धाराओ के अनुपालन की स्थिति जानने हेतु राज्य स्वास्थ्य मिशन के द्वारा समय-समय पर स्वतंत्र एजेंसी से अनुपालन सर्वेक्षण कराया जाता है, तथा उस अनुपालन प्रतिवेदन के आधार पर COTPA -2003 की धारा 4 (सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध) के अनुपालन की बेहतर स्थिति के अनुसार जिलों को धूम्रपान मुक्त घोषित किया जाता है. राज्य के 3 जिलों यथा रांची, बोकारो और खूंटी को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है. उपायुक्त द्वारा सरायकेला-खरसावां जिले को राज्य के चौथे जिले के रुप में धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया गया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने समस्त जिलावासियों से अपील करते हुए कहा की धूम्रपान के बाद अब हमलोगों को अपने जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके. उपायुक्त ने तम्बाकू नियंत्रण हेतु जिले में गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ते के सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के अंदर अवस्थित सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाते हुए नियमित रूप से छापामारी करने का निर्देश दिया. सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि इस साल के शुरुआत में राज्य स्वास्थ्य मिशन, झारखंड सरकार और सीड्स के द्वारा राज्य के 9 जिलों में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) के अनुपालन का एक स्वतंत्रत एजेंसी से सर्वेक्षण करवाया गया था. उक्त अनुपालन सर्वेक्षण में धूम्रपान मुक्त के तय मानको के आधार पर सुपौल सहित राज्य के 5 जिलों को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित करने निर्णय किया गया. सरायकेला-खरसावां जिले में कोटपा की धारा 4 का अनुपालन 90.9% पाया गया है. उपायुक्त श्री अंसारी ने कहा कि सरायकेला-खरसावां को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित करते हुए मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है. इस कार्य हेतु उपायुक्त द्वारा जिले की आम जनता, शैक्षणिक संस्थानों, सहयोगी संस्था सीड्स, जिले के तमाम मीडियाकर्मी, जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, नगर निगम के नगर आयुक्त सहित अन्य पदाधिकारी, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी, पुलिस विभाग के सभी पदाधिकारी सहित जिले के सभी नागरिकों को धन्यवाद एवं बधाई दिया. उपायुक्त ने कहा कि अब हमारा अगला अभियान सरायकेला जिले को तंबाकू मुक्त जिला (टोबैको फ्री डिस्ट्रिक्ट) बनाने का होगा. उपायुक्त ने जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक में बताया कि सरायकेला को स्मोक फ्री जिला बनाने का अभियान 2018 से ही चलाया जा रहा है. आज लगभग 2 साल के बाद जिले को धूम्रपान मुक्त जिला का गौरव प्राप्त हुआ है. इस पूरे मुहिम में सहयोगी संस्था सीड्स का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उपायुक्त ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान हेतु सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा और जिला कार्यक्रम प्रबंधक रिम्पल झा को विशेष रूप से धन्यवाद दिया. कार्यकारी सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने प्रतिभागियों के स्वागत करते हुए बताया कि वर्ष 2003 में भारतीय संसद द्वारा पारित कोटपा अधिनियम के सफल क्रियान्वयन के कारण देश में तंबाकू नियंत्रण पर काफी हद तक सफलता प्राप्त किया गया है. उन्होंने बताया कि धूम्रपान करना एक खतरनाक आदत है, जिससे कई बीमारियां पनपती हैं. जहां छोटे-छोटे बच्चे हैं वहां तो स्थिति और भी अधिक नाजुक बन जाती है, तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाए जाने के काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं. हर स्तर पर तंबाकू नियंत्रण के कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग मिला है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सरकार के सभी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संस्थानों एवं मीडिया जगत का इस अभियान को चलाने में काफी सहयोग मिला है. अब सार्वजनिक स्थलों यथा सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक सड़क, शिक्षण संस्थानों, कार्यालयों सहित अन्य स्थानों पर धूम्रपान करना एक दंडनीय अपराध है. उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान को सफल करने के लिए और अधिक प्रयास करनी होगी. समाज के आम लोगों के बीच जाकर तंबाकू के सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत करवाते हुए इस पर पूर्ण नियंत्रण लगाने हेतु कार्य करने होंगे. लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक करना होगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोविड-19 से लड़ रहे हैं उसी प्रकार हमें तंबाकू को समाप्त करने हेतु लड़नी होगी. उपायुक्त ने जिला वासियो से अपील की है कि आप तंबाकू से तैयार होने वाले सभी पदार्थों यथा बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, हुक्का इत्यादि को छोड़े क्योंकि इनके द्वारा अनेक बीमारियां होती हैं. आप सभी के सहयोग से सरायकेला-खरसावां जिला धूम्रपान मुक्त जिला आज घोषित हुआ है. अब हम लोगों का प्रयास होगा कि जिला को तंबाकू मुक्त जिला बनाने हेतु हम सब मिलकर प्रयास करेंगे हमें आशा है कि इस अभियान में हम अवश्य सफल होंगे. उपविकास आयुक्त प्रवीण गगराई ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से जिला धूम्रपान मुक्त हुआ है। श्री गगराई ने इस कार्यक्रम को पंचायत स्तर तक ले जाने पर बल दिया. तम्बाकू नियंत्रण के जिला नोडल पदाधिकारी डॉ वीणा सिंह ने जिले में की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी. आज के धूम्रपान मुक्त घोषणा कार्यक्रम में डीएसडब्ल्यूओ संध्या रानी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री धनवीर लकड़ा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनील कुमार सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत सरायकेला एवं नगर परिषद , राज्य परामर्श राजीव कुमार, सीड्स के जिला कार्यक्रम प्रबंधक रिम्पल झा, डीपीएम निर्मल दास, सभी सीडीपीओ, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित थाना अध्यक्ष उपस्थित रहे.
saraikela-kharsawan-no-smoking-district-झारखंड का चौथा धूम्रपान मुक्त जिला घोषित हुआ सरायकेला-खरसावां, सभी सार्वजनिक स्थानों व कार्यालयों में तम्बाकू मुक्त क्षेत्र का बोर्ड लगाने का आदेश
[metaslider id=15963 cssclass=””]