सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले में मॉब लिंचिंग में तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर पुलिस अधिकारी और डॉक्टरों को बचाने के लिए पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल किए गए आरोपपत्र में धारा 302 को हटाकर 304 कर दिया गया है , इधर इस मामले के बाद अब पीड़ित पक्ष के वकील ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पिटीशन दायर कर धारा 304 को हटाकर 302 करने की मांग की है. तबरेज अंसारी मौत मामले को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है , इधर पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में हत्या की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या दाखिल किए जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर कटघरे में है , पीड़ित पक्ष और मृत तबरेज आलम की पत्नी शाइस्ता परवीन के द्वारा पूर्व में धारा 302 के तहत मामला दर्ज कराया गया था , जिसे अब बदल दिया गया है , इधर पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता अल्ताफ हुसैन ने बताया कि धारा 302 के साथ भारतीय दंड विधान की धारा 295 ए भी लगाई गई है जो कि धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से है , वही पीड़ित पक्ष के वकील अल्ताफ हुसैन ने बताया कि इस संबंध में जिले के उपायुक्त द्वारा संज्ञान रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी , साथ ही डीसी द्वारा आगामी 17 सितंबर तक इस मामले में रिपोर्ट सुपर्द किया जाएगा .अधिवक्ता अल्ताफ हुसैन ने कहा कि मॉब लिंचिंग के द्वारा भीड़ ने हत्या की नीयत से तबरेज आलम की पिटाई की थी जिसके बाद पुलिस कस्टडी में 5 दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी. मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी के मौत मामले को लेकर अब तक तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो सकी है , वहीं इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है .जबकि शासन – प्रशासन पर भी कई गंभीर आरोप लग रहे हैं . ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे रुख अख्तियार करता है .