सरायकेला : मोबाइल चोरी के कथित आरोपी 16 वर्षीय किशोर सागर राणा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोपी सरायकेला थाने के (एसपीओ) खबरी दिनेश साहू की अबतक गिरफ्तारी नहीं हो पाने से सरायकेला पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार के निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं. बता दें कि विगत 6 सितंबर को सागर राणा ने सिनी रेलवे स्टेशन पर आत्महत्या कर ली थी. अगले दिन, 7 सितंबर को सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र की जनता ने नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी, सरायकेला के विधायक प्रतिनिधि सनंद आचार्य (टुलू) आदि के साथ सरायकेला के एसपीओ (खबरी) दिनेश साहू पर सागर के परिजनों को धमकाने और 50 हजार रुपये मांगने के कारण सागर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए सरायकेला थाने पर मृतक के शव के साथ घंटों प्रदर्शन किया था. इसमें सरायकेला नगर क्षेत्र के सैकड़ों लोग मौजूद थे. (नीचे भी पढ़ें)
विरोध में सरायकेला के व्यवसायियों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखे थे. सभी एसपीओ की गिरफ्तारी और थानेदार नीतीश कुमार को हटाने की मांग कर रहे थे. मामला बिगड़ता देख सरायकेला एसपी ने तत्काल थानेदार नीतीश कुमार को लाइन क्लोज कर दिया और खबरी दिनेश साहू को तीन दिनों में गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया तब जाकर लोगों का आक्रोश शांत हुआ और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए. उधर एसपी ने 2012 बैच के एसआइ अर्जुन उरांव को सरायकेला की कमान सौंपी. (नीचे भी पढ़ें)
इसके बाद घटना के करीब 13 दिन बीत चुके हैं. मगर अर्जुन उरांव अबतक आरोपी एसपीओ को गिरफ्तार करने में विफल साबित हुए हैं. ऐसे में लोगों के जेहन में एकसाथ कई सवाल उठ रहे हैं. लोग जानना चाहते हैं कि नीतीश कुमार को किस गुनाह की सजा दी गयी? घटना के बाद सरायकेला विधायक प्रतिनिधि, पूर्व नगर उपाध्यक्ष एवं व्यवसायियों द्वारा किए गए विरोध और आंदोलन के 13 दिनों बाद भी मृतक को इंसाफ नहीं मिल सका है, फिर सभी खामोश क्यों हैं ? (नीचे भी पढ़ें)
विदित हो कि सरायकेला के तत्कालीन थानेदार नीतीश कुमार सिंह को जमशेदपुर के साकची थाने से चोरी का मोबाइल मृतक सागर राणा द्वरा प्रयोग किए जाने की सूचना मिली थी. नीतीश कुमार ने इसकी जांच का जिम्मा एएसआइ अभिमन्यु कुमार को सौंपा था. अभिमन्यु ने एसपीओ दिनेश साहू से सागर राणा का पता लगाने को कहा. आरोप है कि दिनेश ने सागर की बहन से 50 हजार रुपए देने नहीं तो सागर को फंसा देने की धमकी दी थी. इसी से तनाव में आकर सागर ने सिनी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी. सवाल यह उठता है कि इस पूरे प्रकरण में नीतीश कुमार सिंह कहां से दोषी थे. यही वजह है कि एसपी के निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि जिस दिनेश को तीन दिनों के भीतर गिरफ्तार करने का वायदा एसपी ने अर्जुन उरांव के पदस्थापन की शर्त पर किया था, अर्जुन उरांव उस पर खरा उतरने में अबतक विफल रहे हैं. लोग दबी जुबान से चौक-चौराहे पर सरायकेला विधायक प्रतिनिधि और पूर्व नपं उपाध्यक्ष की भूमिका पर भी गुफ्तगू करते सुने जा रहे हैं.