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saraikela-rajnagar-road-issue-सरायकेला-राजनगर-चक्रधरपुर पथ का निर्माण सात वर्षों से अधूरा, सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्‌ढे, आए दिन होती हैं दुर्घटनाएं

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संतोष कुमार / सरायकेला : झारखंड को उड़ीसा से जोड़ने वाली राज्य राजमार्ग सरायकेला-राजनगर-चक्रधरपुर पथ का निर्माण सात वर्ष बाद भी अधूरा है. राजनगर से जिला मुख्यालय तक राजनगर-सरायकेला मार्ग की स्थिति खस्ताहाल है. इस पर आवागमन बहुत मुश्किल हो चली है, खासकर चार पहिया वाहन, बड़े भारी वाहन और मोटरसाइकिल से आवागमन बेहद जोखिम भरा है. आए दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जहां बरसात का पानी भरे रहने से तालाब जैसा नजारा दिखता है. इससे वाहन चलाने वालों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कहीं-कहीं सड़क दलदल में तब्दील हो गई है. जहां बड़े वाहन फंस रहे हैं. इस रास्ते से राजनगर से कई मरीज एंबुलेंस से सरायकेला भेजे जाते हैं. एंबुलेंस को पार करना बहुत मुश्किल हो रहा है. पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों से लेकर हजारों लोगों का इसी मार्ग से मुख्यालय आना-जाना होता है. परंतु प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. संवेदक को भी कोई परवाह नहीं. सात साल बाद भी कई किमी सड़क का निर्माण होना बाकी है. (नीचे भी पढ़ें)

राज्य राजमार्ग सरायकेला-राजनगर-चक्रधरपुर उड़ीसा बॉर्डर तक करीब 22.02 किमी लंबी सड़क का निर्माण वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. राज्य राजमार्ग में परिणित कर इस सड़क का निर्माण साल 2016 से  चल रहा है, लेकिन अभी तक निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है. मार्ग में कई जगह सड़क को अधूरा छोड़ा गया है, जहां कच्चा सड़क होने के चलते बड़े-बड़े तालाब के आकार के गड्ढे बन गए हैं और जिससे गुजरना राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. राजनगर-सरायकेला के बीच नामीबेड़ा और सारंगपोसी में सड़क अधूरा पड़ा है. जहां बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. वहीं सारंगपोसी, सारंगपोसी पुल, और मझला दौना में सड़क की स्थिति बेहद खस्ताहाल है. बीते दिनों सड़क पर मझला दौना के पास एक भारी ट्रक सड़क के बीचों बीच फंस गई थी, जिसे 24 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका था. राज्य राजमार्ग सरायकेला- राजनगर- चक्रधरपुर पथ चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण निर्माण कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. यह सड़क झारखंड की राजधानी को उड़ीसा की राजधानी से जोड़ने में एक कॉरिडोर के रूप में काम आएगा. परंतु सड़क निर्माण की गति बेहद धीमी होने के कारण अभी तक पूर्ण रूप से निर्माण पूरा नहीं हो पाया है. सड़क चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण को भी निर्माण में विलंब की वजह माना जा रहा है. हालांकि राजनगर सीओ धनंजय कुमार ने बताया कि राजनगर प्रखंड में सड़क निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण की सारी अड़चनें दूर हो चुकी हैं. अधिकांश जगह में भूमि अधिग्रहण कार्य पूर्ण हो चुका है. इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा कार्य में विलंब किया जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)

फैक्ट फाइल- सड़क का नाम सरायकेला-राजनगर-चक्रधरपुर पथ (राज्य राजमार्ग) उड़ीसा सीमा तक. जिसकी लंबाई: 22.02 किमी है. वहीं इसकी प्राक्कलित राशि 116 करोड़, 73 लाख, 90 हजार रुपये है. जिसके संवेदक जीवीआर-एसईसीसी वेंचर की देखरेख में है. वहीं स्टेट हाईवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड
सड़क के लिए अर्जित रैयती भूमि 97.98 एकड़ है. जिसके प्रभावित गांवों में 25 मौजा, सरायकेला के 10 और राजनगर 15 गांव है. वहीं यहां कार्य आरंभ वर्ष 2016 में राज्य राजमार्ग के लिए गैर सरकारी भूमि पर 490 एवं वनभूमि पर 46 वृक्षों की कटाई हुई थी.

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