

सरायकेला : भले केंद्र सरकार ने डायन उन्मूलन कार्यक्रम चलाने के लिए झारखंड के सरायकेला की छुटनी महतो को इस साल पद्मश्री सम्मान के लिए नामित किया है, लेकिन छुटनी के गृह जिले में ही डायन प्रताड़ना के मामले समाने आ रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार डायन प्रताड़ना के लिए संख्त कानून भले बना रखे हों, मगर आज भी समाज के दानव इस कुप्रथा को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहे. सरायकेला जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के बुरुडीह गांव की एक महिला सारती महतो अपने पति शरत चन्द्र महतो के साथ शनिवार को बीरबांस स्थित छुटनी महतो द्वारा संचालित परामर्श केंद्र पहुंची. जहां महिला ने पुरुलिया के बागमुंडी निवासी ओझा गणेश आचार्य पर ग्रामीण राजकिशोर महतो, सुकुराम महतो, जटल महतो एवं रवींद्र नाथ महतो पर खुद को डायन बताकर प्रताड़ित करने की बात कहते हुए शरण मांगी है. महिला ने बताया कि गांव में सभी अब उन्हें शक की निगाह से देखते हैं और उनका जीना हराम कर दिया है. फिलहाल छुटनी ने महिला से लिखित आवेदन ले कर अपने परामर्श केंद्र में शरण दे दिया है. छुटनी ने बताया कि महिला की फरियाद को लेकर स्थानीय थाना पुलिस से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है जल्द ही महिला के पुनर्वास के लिए पहल की जाएगी वैसे छुटनी महतो ने समाज के लिए डायन कुप्रथा को आज भी कोढ़ बताया और सरकार और स्थानीय प्रशासन से ऐसे मामले आने पर गम्भीरता दिखाने की मांग की.
