आदित्यपुर : एक तरफ झारखंड में विपक्ष आगामी 2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी दलों के बीच जुबानी घमासान मचा हुआ है. पिछले दिनों चाईबासा में झामुमो की बैठक के दौरान सत्ताधारी दल के विधायक ने सिंहभूम संसदीय सीट पर पार्टी का दावा जताकर राजनीति को हवा दे दी. इसके बाद से ही सत्तारूढ़ गठबंधन के दोनों प्रमुख घटकों, कांग्रेस और झामुमो के नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है. (नीेचे भी पढ़ें)
दोनों दलों के नेताओं के बयान से ऐसा लग रहा है कि राज्य में सत्तासीन गठबंधन में सबकुछ ‘ठीक’ नहीं है. पहले सांसद गीता कोड़ा, उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने झामुमो नेताओं की बयानबाजी पर आपत्ति जताई और इसे गठबंधन धर्म का अपमान बताया. उसके बाद अब कांग्रेस के प्रदेश सचिव सह कोल्हान प्रवक्ता सुरेश धारी ने झामुमो पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सिंहभूम संसदीय सीट गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में है और यहां से गीता कोड़ा सांसद हैं. झामुमो विधायक को मालूम होना चाहिए कि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस और राजद के गठबंधन की सरकार है. और गठबंधन के नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन, सोनिया गांधी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हैं. इन्हीं के फैसलों से गठबंधन चल रहा है. (नीेचे भी पढ़ें)
उन्होंने कहा कि ऐसे में झामुमो विधायक की बयानबाजी उनके अहंकार को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सांसद का कार्यकाल काफी सराहनीय रहा है. महा गठबंधन के निर्णय के अनुसार ही अगला प्रत्याशी भी तय होगा. उन्होंने झामुमो नेताओं को संयम बरतने एवं हल्के बयानों से बचने की नसीहत देते हुए कहा है कि ऐसी बयानबाजी से गठबंधन कमजोर होगा.