Saraikela : जिले के चांडिल सीओ के रवैये से परेशान एक 80 वर्षीय बुजुर्ग अपने जमीन पर हक पाने को लेकर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश है. इस संबंध में जमीन मालिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चांडिल पुलिस एवं प्रशासन पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए झारखंड सरकार से इंसाफ की गुहार लगायी है.
जानकारी देते हुए जमीन मालिक रामदयाल सिंह के दामाद रासबिहारी सिंह ने बताया कि उनके श्वसुर ने 18 अक्टूबर 1962 को जिले के कपाली निवासी अब्दुल हक से 1 एकड़ 94 डिसिमिल जमीन खरीदी थी. जिसका चांडिल सीओ के यहां दाखिल- खारिज (म्यूटेशन) भी कराया गया. उन्होंने बताया कि साल 1967 तक म्यूटेशन के आधार पर उनके श्वसुर द्वारा मालगुजारी भी जमा करायी गयी. जिसके बाद खराब स्वास्थ्य के कारण नियमित लगान उनके द्वारा जमा नहीं कराया जा सका है. इस बीच ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए अंचलाधिकारी चांडिल के यहां सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन किए जाने की बात उन्होंने कहीं.
उन्होंने बताया कि लॉक डाउन से पूर्व जमीन के पुराने मालिक अब्दुल हक के पुत्र द्वारा स्थानीय डेवलपर के साथ उनकी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उनके द्वारा चांडिल पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को दिए जाने के बाद भी डेवलपर द्वारा निर्माण कार्य जारी रखा गया. वहीं इस बीच कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन लग गया उधर लॉक डाउन के बाद जब पुनः उनके द्वारा चांडिल पुलिस- प्रशासन से सहयोग मांगा गया तो सहयोग के बजाए चांडिल सीओ द्वारा बुजुर्ग राम दयाल सिंह को दुत्कार कर चैम्बर से भागने की बात उन्होंने कही.
श्री सिंह ने बताया कि चांडिल प्रशासन की प्रताड़ना से परेशान होकर उनके श्वसुर ने जिले के उपायुक्त से न्याय की गुहार लगायी, जिसके बाद उपायुक्त के निर्देश के बाद, चांडिल एसडीओ ने 20 जुलाई 2020 को विवादित जमीन पर धारा 144 लगा दिया. फिलहाल जमीन पर काम बंद है. वहीं रासबिहारी सिंह ने इस विवाद के लिए चांडिल सीओ को जिम्मेवार ठहराते हुए झारखंड सरकार से इंसाफ की गुहार लगायी है. वैसे जमीन किसका है चांडिल प्रशासन अब तक इसका फैसला करने में नाकाम साबित हो रहा है.