संतोष कुमार
सरायकेला : राज्य में कोरोना का कहर जारी है. सरकार और सरकारी तंत्र कोरोना महामारी से दो- चार कर रही है. हर कोई हैरान- परेशान है. इन सबके बीच बालू माफियाओं की चांदी कट रही है. जी हां… सरकार, खनन विभाग और पुलिस- प्रशासन अवैध बालू के खनन और उठाव को लेकर लाख दावे कर ले, लेकिन सच्चाई यही है, कि पूरे राज्य में धड़ल्ले से अवैध बालू खनन और उठाव बदस्तूर जारी है. (नीचे भी पढ़ें)
ये नजारा है झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र से होकर गुजरनेवाली खरकई नदी के जिलिंगोड़ा घाट का. तस्वीरों को देखकर आपको सहज अंदाजा लग जाएगा, कि यहां किस तरह बालू माफिया दिन के उजाले में धड़ल्ले से बालू का खनन और उठाव करवा रहे हैं.वैसे बालू माफियाओं ने बालू खनन के लिए नई तकनीक इजाद किया है. तस्वीरों को देखकर जरा आप भी समझिए. (नीचे भी पढ़ें)
आप साफ तौर पर देख सकते हैं, किस तरह खाली ड्रम और ट्यूब लगाकर नौका तैयार किया गया है. जिसमें बालू माफिया स्थानीय मजदूरों के बालू भरवाता है और फिर उसे पानी के बहाव में ठेलकर ट्रैक्टर और ट्रॉलियों तक पहुंचाया जाता है. जहां मजदूरों से ट्रैक्टरों और लॉरियों में बालू लोड करवाया जाता है. हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर बालू इस घाट से उठाया जा रहा है जिसकी भनक न तो सरकार, सरकारी तंत्र और न ही स्थानीय थाना को है. (नीचे भी पढ़ें)
वैसे स्थानीय थाना को अगर इसकी सूचना हो भी जाए तो इसकी संभावना कम ही है कि कोई बालू माफिया गिरफ्तार होगा. सरकार और सरकारी तंत्र की नाक के नीचे से बालू माफिया खुलेआम बालू उठाव कर रहे हैं. वैसे पिछले दिनों जिला पुलिस की ओर से जिले में पिछले वित्तीय वर्ष में बालू माफियाओं पर रिकॉर्ड कार्रवाई किए जाने संबंधी जानकारी मीडिया से साझा की गई थी. साथ ही दावा किया गया था, कि जिले में कहीं भी अवैध बालू खनन की शिकायत मिलती है, तो अविलंब कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में जिला पुलिस- प्रशासन के लिए यहां से बालू खनन और उठाव पर क्या कार्रवाई करती है ये गौर करनेवाली बात होगी.