south-eastern-railway-drucc-meeting-चक्रधरपुर रेल मंडल यात्री सलाहकार समिति की बैठक में हंगामा, छोटानागपुर पैसेंजर एसोसिएशन का एजेंडा पत्र गायब होने पर डीसीएम व मेंबर में चली बहस, 17 में 10 सदस्यों ने लिया हिस्सा, जानें क्या नयी सुविधाएं शुरू होगी, क्या हुआ सवाल-जवाब

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जमशेदपुर: चक्रधरपुर रेल मंडल यात्री सलाहकार समिति (डीआरयूसीसी) की नई वर्किंग कमेटी (2022-23) की पहली बैठक हंगामेदार रही. डीआरएम विजय कुमार साहू की अध्यक्षता में चक्रधरपुर मंडल मुख्यालय के सभागार में सुबह 11.30 बजे से शुरु हुई बैठक दोपहर करीब ढाई बजे तक चली. इसमें विभिन्न मुद्दों पर हर बार की तरह लीपापोती ही की गई. केवल रेलवे स्टेशनों में आपात सहायता केंद्र खोले जाने के एक मसले पर रेलवे ने इसी यात्री हित में बताया. टाटा कांड्रा नामकुम रेल लाइन परियोजना, विभिन्न ट्रेनों की यात्रा में विस्तार, बोगी बढ़ाने जैसे शेष एजेंडों पर कोई वार्ता नहीं हुई. कार्य क्षेत्र से बाहर का बताकर टाल दिया गया. खैर, बैठक की शुरुआत में डीसीएम सौगत मित्रा व छोटा नागपुर पैसेंजर एसोसिएशन सह डीआरयूसीसी मेंबर संजीत कुमार मिश्रा कुछ देर के लिए आमने सामने हो गए. जब सदस्य मिश्रा को पता चला कि उनके द्वारा भेजे गए एजेंडों की लिस्ट बैठक की सूची में शामिल नहीं है तो उन्होंने इसका कारण जानना चाहा. मिश्रा के प्रश्न करने पर कि संस्था द्वारा प्रेषित समस्याओं / सुझावों को समय सीमा के भीतर भेजे जाने पर भी एजेंडा में क्यों समाविष्ट नहीं किया गया. इस पर डीसीएम मित्रा ने सभा को अप्रत्याशित रूप से यह बतलाया कि एसोसिएशन द्वारा प्रेषित समस्याओं / सुझावों वर्णित पत्र चक्रधरपुर रेल मंडल को मिला ही नहीं. मिश्रा ने बताया कि संस्था ने तीन अलग – अलग माध्यम रजिस्ट्री, व्हाट्सप, ई-मेल द्वारा पत्र प्रेषित किया था. मित्रा ने तपाक से कहा कि क्या मैंने उसे फाड़ कर फेंक दिया. इस उत्तर को हास्यास्पद बताते हुए मिश्रा ने फिर कहा क्योंकि रजिस्ट्री को तो फाड़ा जा सकता है, पर व्हाट्सप और ई-मेल को नहीं. उन्होंने सवाल किया कि क्या मित्रा इस बात को लिखित तौर पर दे सकते हैं कि चक्रधरपुर रेल मंडल को संस्था द्वारा प्रेषित पत्र मिला ही नहीं. मित्रा ने कहा कि हां मैं लिखित दे सकता हूं. मामला किसी तरह ठंडा हुआ और बैठक की कार्रवाई आगे बढ़ी. एसो. के अलावा कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ जमशेदपुर के प्रो. बीके मिश्रा ने भी अपनी बात रखीं. झारखंड विकास मंच के नरेंद्र प्रसाद सिंह ने प्लेटफार्म पर ट्रेन आगमन के दौरान दिव्यांग कोच की पोजिशन का अनाउंस करने, बैटरी गाड़ी 24 घंटे चलाने, जेडआरयूसीसी में भी विकलांग को सदस्यता देने, स्टेशन के बाहर दिव्यांग के लिए वाहन पार्किंग की अलग व्यवस्था करने व टाटानगर और चक्रधरपुर में सभी प्लेटफार्म में लिफ्ट की सुविधा देने की मांग की. बैठक में एडीआरएम बीके सिन्हा, सीनियर डीसीएम मनीष पाठक समेत तमाम विभागीय प्रमुख उपस्थित थे.
स्टेशन में यात्रियों की सुविधा के लिए खुलेगा आपात सहायता केंद्र (नीचे देखे पूरी खबर)

  1. सवाल: टिकट बुकिंग को दलालों से मुक्त रखते हुए व्यवस्था ऐसी हो कि सही यात्रियों को टिकट बुकिंग में असुविधा न हो. फिलहाल छह से ज्यादा यात्रियों की बुकिंग में एक से ज्यादा रिजर्वेशन फॉर्म भरना पड़ता है और यात्री एक से ज्यादा रिजर्वेशन फॉर्मों को, एक के बाद, एक साथ काउंटर पर नहीं दे सकता. इस व्यवस्था से कई एक परेशानियां हैं. यात्री को दो बार कतार में लगाना होता है, फलस्वरूप बाद का टिकट वेटलिस्टेड हो सकता है या दूसरे दूर किसी कोच में शेष यात्रियों को रिजर्व बर्थ मिल सकता है. बच्चे, बूढ़े और शेष परिवार के सदस्य या तो पूरी ट्रेन में बिखरे पड़े रहेंगें या आधे या कुछेक वेटलिस्टेड जनरल कोच में सफर करेंगें ?
    जवाब : भारतीय रेल का यही नियम है. नियम तो सबों को मानना ही होगा. वैसे भी भारतीय रेल अब ऑनलाइन टिकट बुकिंग को बढ़ावा दे रही है इसलिए सबों को इसके लिए तैयार रहना होगा.
  2. ऑनलाइन टिकट बुकिंग की भी अपनी सीमा है और एक व्यक्ति एक महीने में अपने मन मुताबिक अनेकों बार टिकट बुकिंग नहीं कर सकता?
    जवाब: तो परिवार के सभी सदस्यों के नाम से ऑनलाइन टिकट बुकिंग अकाउंट खोल लीजिए और मन भर टिकट बुकिंग कीजिए.
    इस पर सदस्य ने भी तुरंत अपना तर्क दिया कि चक्रधरपुर रेल मंडल शायद यह भूल रहा है कि एजेंट्स और टाउट्स ही हैं जो कई एक ऑनलाइन टिकट बुकिंग अकाउंट खोलकर अपना काम निर्बाध चलाते रहते हैं. वहां पर उनके पकड़ – धकड़ की क्या व्यवस्था है. इस पर चुप्पी लग गई.
  3. सवाल: सभी स्टेशनों के प्लेटफॉर्मों पर एक ‘आपात सहायता केंद्र’ खुले. यात्री प्लेटफार्म पर पहुंचते ही कुछ आकस्मिक अनियमितताओं / असुविधाओं का सामना करता है और उसके पास इतना समय नहीं होता कि वो इन्क्वारी जाए और पूछ – ताछ करे. जैसे ट्रेन का प्लेटफार्म पर आने के पश्चात् भी इलेक्ट्रॉनिक कोच डिस्प्ले बोर्ड का काम न करना, इत्यादि?
    जवाब: डीआरएम ने कहा कि सुझाव अच्छा है और क्रियान्वित करने लायक है.
  4. सवाल: MST , ‘वरिष्ठ नागरिक रेल किराया छूट’ और सरकार के आदेश के विरूद्ध सभी ट्रेनों में लिनेन (कंबल, चादर, तकिए) की सुविधा आरंभ न होने के कारण यात्रियों में रोष व्याप्त है?
    जवाब: अप्रैल महीने के बाद सभी ट्रेनों में लिनेन कि व्यवस्था बहुत हद तक सुचारु हो जायेगी. MST किराया छूट के बारे में सभा को यह बताया गया कि यह नीतिगत निर्णय है और हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
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