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Srinath-University- श्रीनाथ विश्वविद्यालय में ‘खामोश अदालत जारी है’ नाटक का हुआ मंचन, इसमें पुरुषों के यौन कुंठाओं व स्त्री दमन का किया गया चित्रण, एक सपने के मरने से दुनिया खत्म हो जाती है – संजय रंजन सिंह

राशिफल

जमशेदपुर: 20 अक्टूबर गुरुवार को आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में पीपुल्स एसोसिएशन फॉर थिएटर (पथ) के द्वारा स्वर्गीय विजय तेंदुलकरद्वारा लिखित खामोश अदालत जारी है नाटक का मंचन किया गया.इस अवसर पर अतिथि के रूप में संजय रंजन सिंह डीआईजी सीआरपीएफ, दिनेश रंजन जिला परिवहन अधिकारी जमशेदपुर उपस्थित थे. अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर कर किया गया.स्व.विजय तेंदुलकर द्वारा लिखित यह नाटक सक्रिय स्याह पुरुषोंके यौन कुंठाओं और स्त्री के दमन की कई परतें उजागर करती हुई प्रतीत होती है.नाटक समाप्त होने के उपरांत दर्शकों को संबोधित करते हुएसंजय रंजन सिंह ने कहा कि आज भी समाज की परिस्थिति वैसी ही है जैसे यह नाटक लिखने के समय में थी. ऐसी परिस्थिति आप को बाध्यकरती है कि आप अपने अंतर्मन में जाकर झांके, किसी भी समाज की मौत कला और संस्कृति की मौत से होती है.(नीचे भी पढ़े)

उन्होंने यह भी कहा कि मेरी आप सभी से प्रार्थना है कि आप अपनी कला और संस्कृति की ओर लौटे, एक आदमी या करोड़ोंआदमी के मरने से दुनिया नहीं मरती है बल्कि एक सपने के मरने से दुनिया खत्म हो जाती है.दिनेश रंजन ने कहा कि आप सबों केअभिनय की सराहना जितनी की जाए उतनी कम होगी क्योंकि आप के अभिनय ने हम सबको झकझोर कर रख दिया और आपका यह नाटक आज के समय से बहुत अधिक संबंधित है औरहम लोग नि:शब्द हैं.नाटक के बारे बात करते हुए पथ के अध्यक्ष गोविंद माधव शरण ने कहा कि आज नाटक को बचाये रखना काफी कठिन है क्योंकि आज टीवी फिल्म के समय में नाटक हर दिन मर रहा है परन्तु पथ पूरे संघर्ष के साथ नाटक को बचाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है . उन्होंने यह भी कहा कि कल्पना सोच से भी ऊपर होती है क्योंकि कल्पना एक बहुत बड़ी चीज है.

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