नयी दिल्ली: जमीन घोटाला मामले में ईडी की पूछताछ से राहत के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सीएम हेमंत सोरेन को किसी तरह की राहत नहीं दी. उन्हें इस मामले में हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया गया है. अब हेमंत इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगे और ईडी कार्रवाई पर रोक की मांग करेंगे.(नीचे भी पढ़े)
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ कहा, हम इस पर अभी विचार नहीं करेंगे. जस्टिस बोस ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई हाईकोर्ट से शुरू होनी चाहिए. आप झारखंड हाईकोर्ट जाइए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की पूछताछ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. ईडी के दूसरे समन के बाद सीएम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. इस बीच हाईकोर्ट ने उन्हें अबतक कुल मिलाकर चार समन जारी कर दिया है. सीएम को चौथा समन भेजकर 23 सितंबर को हिनू स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय आने का आदेश दिया गया है.(नीचे भी पढ़े)
दूसरे समन के बाद ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की पहली सुनवाई 15 सितंबर को हुई थी और आज का दिन दिया गया था. पहली सुनवाई में मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने लिखित आवेदन देकर बताया कि उनके वकील की तबीयत खराब है. ऐसे में कोई दूसरी तारीख दी जाए. जिसके बाद अदालत ने 18 सितंबर की तारीख मुकर्रर की.(नीचे भी पढ़े)
सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी की ओर से जारी समन को चुनौती दी है. उन्होंने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर कर ईडी द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी है. इसी दिन ईडी को पत्र लिखकर उन्होंने कोर्ट का फैसला आने तक अपनी कार्यवाही स्थगित रखने का अनुरोध किया है. सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दायर रिट याचिका में ईडी पर दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है.(नीचे भी पढ़े)
सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए भेजे गए अब तक के जितने भी समन हैं, उसका आधार 13 और 26 अप्रैल 2023 को की गई छापेमारी है. ईडी ने 13 अप्रैल को छापेमारी के दौरान राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के घर से बक्सों में भरकर रख गए जमीन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए थे. इनमें काटछाँट करके और जालसाजी कर असली मालिक का नाम काटकर दूसरे का नाम लिखने का मामला प्रकाश में आया था. प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तावेज में छेड़छाड़ सहित अन्य बिंदुओं के सिलसिले में मिली सूचनाओं को पीएमएलए की धारा 66 (2) के तहत सरकार से साझा किया था. इस मामले में सरकार के आदेश पर सदर थाने में प्राथमिकी (272/23) दर्ज कराई गई थी. यही वह प्राथमिक है जिसके आधार पर सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय समन भेज रही है.(नीचे भी पढ़े)
सीएम का कैसे सामने आया नाम: जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को कई तरह की शिकायतें मिली थी. इसमें मुख्यमंत्री और उनके करीबी लोगों के द्वारा आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा करने की भी शिकायतें मिली थी. इन शिकायतों की प्रारंभिक जांच के दौरान ईडी को कुछ के सही होने की सबूत मिले. इस तरह जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन का नाम सामने आया है.(नीचे भी पढ़े)
पहला समन, आठ अगस्त 2023: जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम हेमंत सोरेन को पहली बार 8 अगस्त को नोटिस भेजा था. इस नोटिस में उन्हें 14 अगस्त को दिन के 11:00 बजे रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था.(नीचे भी पढ़े)
दूसरा समन, 19 अगस्त 2023:14 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय नहीं पहुंचे. इसके बदले उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र भेज कर बताया कि वह इसे कानूनी तरीके से निपटेंगे. 14 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन जब प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर नहीं पहुंचे तब 19 अगस्त को दूसरा समन जारी किया गया. इस समन में हेमंत सोरेन को 24 अगस्त को परवर्तन निदेशालय के कार्यालय दिन के 11:00 बजे हाजिर होने को कहा.(नीचे भी पढ़े)
तीसरा समन, 01 सितंबर 2023:प्रवर्तन निदेशालय के दूसरे नोटिस के बाद जब सीएम हेमंत सोरेन 24 अगस्त को ईडी ऑफिस नहीं पहुंचे तब ईडी की ओर से तीसरा समन 1 सितंबर को भेजा गया. इस समन में उन्हें 9 सितंबर को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में सुबह 10:30 बजे हाजिर होने का निर्देश दिया है.प्रवर्तन निदेशालय के तीसरे नोटिस के बाद जब सीएम हेमंत सोरेन 9 सितंबर को ईडी ऑफिस नहीं पहुंचे तब ईडी की ओर से चौथा समन 17 सितंबर को भेजा गया. इस समन में उन्हें 23 सितंबर को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में सुबह 10:30 बजे हाजिर होने का निर्देश दिया है.