रांची: सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले की याचिका खारिज कर दी जिसमें प्रह्लाद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर झारखंड के डीजीपी एमवी राव की नियुक्ति को चुनौती दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को करीब 15 मिनट चली बहस के बाद शीर्ष अदालत ने प्रोन्नति मामले की याचिका का खारिज करते हुए कहा कि एमवी राव डीजीपी बने रहेंगे. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता फल एस नरीमन व महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बहस की जबकि प्रह्लाद सिंह की ओर से सीनियर अधिवक्ता वेंकट रमण ने अपनी दलील दी. झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रह्लाद नारायण द्वारा याचिका मेंटनेबल नहीं है अगर राज्य सरकार की ओर से पैनल नाम आएगा तो राज्य सरकार रेगुलर डीजीपी की नियुक्ति कर देगी. जिसके बाद एक तबका जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता व कुछ पुलिस अधिकारी इस तबादले पर अपनी आपत्ति जता रहे थे. इधर राज्य सरकार ने इस मामले को लेकर पैनल में पांच नामो की सूची यूपीएससी को भेज दी, जिस पर यूपीएससी ने अपनी आपत्ति जता दी. यह मामला सर्विस से जुड़ा है, इसलिए इसे जनहित याचिका नहीं माना जा सकता है.राज्य सरकार ने यूपीएससी को दिए जवाब में बताया है कि नई सरकार गठित होने के बाद कमल नयन चौबे को तीन महीने का पर्याप्त समय दिया गया था, ताकि वे विधि-व्यवस्था संभाल लें, लेकिन वे विफल रहे. इसी वजह से उन्हें डीजीपी के पद से हटाया गया। साथ ही यूपीएससी के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए जवाब भेजा है कि डीजीपी कौन रहेगा, यह राज्य सरकार तय करती है न कि यूपीएससी.ज्य सरकार ने तर्क दिया है कि अपने पद पर खरे नहीं उतरे केएन चौबे, विधि-व्यवस्था को संभालने में असफल रहे. हालांकि, पुलिस महकमे में इस तर्क पर सवाल उठ रहे हैं.
supreme court decision: डीजीपी एमवी राव प्रोन्नति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा – बने रहेंगे एमवी राव डीजीपी
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