रांची : नियोजन नीति को रद्द करते हुए 13 अनुसूचित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल एसएलपी (विशेष अनुमति) याचिका पर सुनवाई मंगलवार को हुई. मामले की सुनवाई करते हुए एसएलपी को खारिज कर दिया है और अदालत ने नियोजन नीति 2016 को सुरक्षित रखा है. वहीं अदालत में नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. गौरतलब है कि इस मामले में कई बार सुनवाई हो चुकी है. जिस पर सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार और अनुसूचित जिलों के सफल अभ्यर्थियों द्वारा याचिका दाखिल की गयी थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागराज की अदालत में सुनवाई हुई. (नीचे भी पढ़ें)
झारखंड सरकार ने वर्ष 2016 में बनाई थी नियोजन नीति-
झारखंड सरकार ने वर्ष 2016 में तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति के लिए नियोजन नीति बनाई थी. इसमें अनुसूचित जिलों की नौकरी में सिर्फ उसी जिले के निवासियों को ही नियुक्त करने का प्रावधान किया गया था. गैर अनुसूचित जिले के लोग इसमें आवेदन भी नहीं कर सकते थे. जबकि गैर अनुसूचित जिले में सभी जिलों के लोग आवेदन कर सकते थे. सरकार ने दस साल के लिए यह प्रावधान किया था. सरकार की इस नीति को सोनी कुमारी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.