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tata-steel-adventure-foundation-camp-टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की टीम ट्विन पीक पर चढ़ने की तैयारी में, 31 सदस्यीय टीम लेह पहुंची, स्वतंत्रता दिवस पर हजारों फीट की ऊंचाई पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहरायेगा टीम

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जमशेदपुर : टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) ने ट्विन पीक (जुड़वा चोटी) अभियान शुरू किया है. इसमें लेह लद्दाख क्षेत्र के एक ही अभियान (जो जोंगो और कांग यात्से 2) में 6000 मीटर से ऊपर की दो चोटियां शामिल हैं. इस अभियान को शुरू करने से पहले, प्रशिक्षकों एवं कर्मचारियों सहित 31 सदस्यीय टीम उचित अभ्यास और तैयारियों के लिए 2 अगस्त को लेह पहुंची. इस अभियान का नेतृत्व टीएसएएफ की सीनियर इंस्ट्रक्टर अस्मिता दोर्जी कर रही हैं, जो इस साल माउंट एवरेस्ट पर सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन के बिना 8749 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. (नीचे भी पढ़ें)

इस टीम में टेक्निकल गाइड के रूप में मेघलाल महतो और स्कालज़ैंग रिगज़िन हैं. रिगज़िन लेह के एक पर्वतारोही हैं, जिन्होंने सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन के बिना 8000 मीटर की दो चोटियों पर पहले चढ़ाई की थी. मेघलाल झारखंड के पहले आदिवासी व्यक्ति हैं जिन्होंने 2012 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की और वर्तमान में ग्रामीण युवाओं के बीच खेल को बढ़ावा दे रहे हैं. रणदेब सिंह (टीएसएएफ कुक), गोविंद सिंह (टीएसएएफ इंस्ट्रक्टर) और पायो मुर्मू (माउंट एवरेस्ट’2017 अभियान में 8000 मीटर तक चढ़ने वाली) कोर सपोर्ट का हिस्सा हैं. यह अभियान “आजादी का अमृत महोत्सव” के रूप में शुरू किया गया है, जिसमें प्रतिभागी स्वतंत्रता दिवस के आसपास इन भव्य चोटियों के शीर्ष पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए तैयार हैं. (नीचे भी पढ़ें)

जो जोंगो एवं कांग यात्से क्रमश: 6240 मीटर एवं 6270 मीटर ऊंचे हैं और इन्हें सामूहिक रूप से उनकी ऊंचाई में समानता के कारण जुड़वां चोटियों के रूप में जाना जाता है. लेह-लद्दाख क्षेत्र की अविश्वसनीय रूप से सुंदर मार्खा घाटी में स्थित, इन प्रमुख पर्वतमालाओं पर आमतौर पर अगस्त और सितंबर में चढ़ाई शुरू की जाती है. सबसे अधिक ऊंचाई वाले ट्रेकर्स और हाइकर्स की सूची के एक हिस्से के रूप में, टीम के प्रत्येक सदस्य ने इस चढ़ाई के लिए उपयुक्त फिटनेस हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है. ऊंची चोटियों पर चढ़ने के दौरान अनुकूलन और अभ्यास महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. शरीर को तैयार करने के लिए टीम के सदस्य लगभग 12-15 किलोग्राम वजन के साथ हर दिन लगभग 15 किमी. चलेंगे. उन्हें सलाह दी गई है कि वे उस ऊंचाई पर ऑक्सीजन के निम्न स्तर से निपटने के लिए योग और श्वास अभ्यास का नियमित अभ्यास करें. यह टीम रॉकी पर्वत के सुरम्य परिदृश्य से होते हुए बेस कैंप तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करेगी तथा उक्त इलाके और जलवायु के अनुकूल बनेगी. हालांकि, 6000 मीटर की चोटी पर चढ़ने की चुनौतियां कई हैं, लेकिन दृढ़ संकल्प एवं उच्च मनोबल के साथ, इस अभियान दल ने सफलतापूर्वक यात्रा चढ़ाई करने का लक्ष्य रखा है. (नीचे भी पढ़ें)

इस टीम में सभी आयु वर्ग के उम्मीदवार शामिल है, जिसमें सबसे छोटे सदस्य 20 वर्ष के हैं और सबसे बड़े 55 वर्ष के हैं. टीम में टाटा स्टील के कर्मचारी, ग्रामीण युवा और आयरनमैन एथलीट, मैसूर से उषा हेगड़े शामिल हैं. टाटा स्टील आयरन मेकिंग के वाइस प्रेसिडेंट उत्तम सिंह बताते है कि उन्हें बहुत खुशी है वे इस टीम का हिस्सा हैं. वे 2016 में दयारा टॉप (12,500 फीट) और उत्तरकाशी में आउटडोर लीडरशिप कोर्स टीएसएएफ के साथ ग्रेजुएट ट्रेनी के रूप में गए थे. उन्होंने बताया कि वे नियमित रूप से योग और श्वास तकनीक का अभ्यास करते थे और इस अभियान में अपनी क्षमता का परीक्षण करते थे. वे पिछले 2 महीनों से सप्ताह में दो बार दलमा टॉप पर ट्रेकिंग करके प्रशिक्षण लिया है. 6000 मीटर की चोटी के अपने पहले शिखर की प्रतीक्षा में है. (नीचे भी पढ़ें)

लंबे ट्रेक के लिए फिर से तैयार होने के लिए दिन के अंत में खूबसूरत शांत वातावरण में पहाड़ों के पीछे जौ के खेतों के बीच हॉल्टिंग कैंप रखा गया हैं. यह पगडंडी विशाल मैदानों से होकर गुजरती है जहां भेड़, पहाड़ी बकरियां और कभी-कभी खरगोश चरते पाए जाते हैं. क्षितिज से ऊंचे-ऊंचे शिखरों को देखना रोमांचकारी है. अभियान दल के प्रत्येक सदस्य का सिर ऊंचा है और उनकी निगाहें अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने पर टिकी हैं. प्रत्येक अभियान के आधार के रूप में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशिक्षकों को आने वाले दिनों में किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है. (नीचे भी पढ़ें)

टीम लीडर अस्मिता दोर्जी, टेक्निकल गाइड स्काल्ज़ांग रैगज़िन, गाइड एवरेस्टर मेघलाल महतो, टीएसएएफ कुक रणदेव सिंह, टीएसएएफ प्रशिक्षक गोविंद सिंह, सहायक कर्मी पायो मुर्मू, प्रशिक्षण प्रशिक्षक त्वेश उपाध्याय, प्रशिक्षण प्रशिक्षक दीपक कुमार साहू, प्रशिक्षण प्रशिक्षक निवेदिता कर, प्रशिक्षण में प्रशिक्षक हीना कुमारी, टीम के सदस्य दीपेंद्र व्यास, टीम के सदस्य में चिराग पुष्प राणा, आशना सुयाल, विपिन कुमार सूर्यवंश, उत्तम सिंह, निर्मल पांडेय, उषा हेगड़े, राजेश बोराना, अनमोल सक्सेना, अमरेश महापात्रा, प्रभंजन कुमारी, संदीप कुमार तंवर, यूसुफ अली खान, अनंत राणा, सौम्या रंजन पांडा, नीता टुडू, मेनका कुमारी, तरुण महंतो, सहायक कर्मी में अरविंद सिंह, राम कृष्ण की सदस्य शामिल है.

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