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Tata-Steel-Film-Festival-टाटा स्टील का तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव 7 से 12 अगस्त तक, फिल्म महोत्सव में विजेताओं को किया जाएगा सम्मानित, कहानी की तलाश में देशभर के जाने-माने 24 फिल्मकार होंगे शामिल

राशिफल

जमशेदपुर : टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव के तीसरे संस्करण का आयोजन जमशेदपुर के टीसीएस, सोनारी में 7 अगस्त से 9 अगस्त तक किया जाएगा. टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा फिल्म महोत्सव का आयोजन 7 अगस्त से प्रारंभ होकर 12 अगस्त तक चला. यह महोत्सव पेशेवर फिल्म निर्माताओं को मंच प्रदान करता है तो दूसरी ओर उन लोगों को भी मंच प्रदान करती है जिन्होंने फिल्म निर्माण के संबंध में किसी प्रकार की शिक्षा प्राप्त नहीं की है. इसमें सभी फिल्म निर्माताओं को एक मंच पर लाने का काम किया जाता है. लघु फिल्म महोत्सव दोपहर दो बजे से शुरू होगी. जो तीन दिनों तक चलेगी. वही 10,11, 12 को सर्च फार स्टोरी ने लिए जमशेदपुर से लगभग 24 फिल्म मेकर्स शामिल होंगे जो इस खोज यात्रा में कहानी की खोज करेंगे. वहीं पिछले वर्ष इस यात्रा की शुरुआत ओडिशा से की गयी थी. इस वर्ष इस यात्रा की शुरुआत सिंहभूम से की जाएगी. जो खूंटी के रास्ते गुमला पहुंचेगी. खोज यात्री तीन दिनों का होगा. अंतिम दिन यानी 12 को रांची में पहुंचकर सभी फिल्ममेकर्स यात्रा का वर्णन करेंगे और ग्रुप डिस्कशन होगा. इस दौरान फिल्मों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. इस दौरान मेघनाथ की सृष्टी टू को बनाने के लिए एमओयू साइन किया जाएगा. वहीं इस दौरान कुल 20 फिल्मों का स्किनिंग किया जाएगा, जिसमे आदिवासी के संस्कृति पर आधारित फिल्मे शामिल है. (नीचे भी पढ़ें)

पिछले वर्ष की खोज यात्रा में बनी सिरिंगसिया-1837
जमशेदपुर की युवा फिल्मकार प्रज्ञा सिंह के निर्देशन में झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी पोटो हो के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ सिरिंगसिया घाटी विद्रोह पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म “सिरिंगसिया-1837” बनाई गयी थी. यह फिल्म टाटा स्टील फाउंडेशन के खोज यात्रा का हिस्सा है. इसी को देखते हुए इस वर्ष झारखंड में ही खोज यात्रा की जाएगी. जिसमें बिरसा मुंडा, कार्तिक उरांव पर गांव में जाकर कहानी खोजी जाएगी. जिसकी बीफिंग सेशन रांची में आयोजित की जाएगी. (नीचे भी पढ़ें)

कुजीन रेस्टोरेंट का मिलेगा आनंद
इस दौरान झारखंड की 21 टीम और ओडिशा की 3 टीमों द्वारा यहां के लोगों को आदिवासियों द्वारा बनायी गयी खाना को परोसा जाएगा. जो लोग आदिवासी संस्कृति से वाकिफ है वे इस कुजीन का आनंद उठा सकेंगे.
देशभर से 80 महिलाएं होंगी शामिल
वीमेन पर आधारित इस वर्ष की थीम रखी गयी है. जिसमें देश के कोने कोने से ऐसी 80 महिलाओं को आमंत्रित किया गया है, जो लोगों से मुलाकात कर अपने द्वारा की गयी बहादुरी को लोगों के समझ पेश करेंगी. इस महोत्सव के जरिए एक दूसरे को जानने का, विचारों को आदान-प्रदान करने का और तकनीकी रूप से भी दक्ष होने का मौका मिलेगा. स्वदेशी दृष्टिकोण और प्रवचनों पर फिल्मों के लिए एक मंच प्रदान करने की एक पहल है. फिल्म महोत्सव का उद्देश्य आदिवासियों का अनुकरण करते हुए, स्वदेशी संस्कृति और जीवन के आख्यानों के माध्यम से फिल्मों पर संवाद के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना है.

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