जमशेदपुर : टाटा स्टील में वेज रिवीजन समझौता और बोनस समझौता एक साथ हो जायेगा. 6 या 7 सितंबर की सुबह तक दोनों ही समझौता हो जाने की उम्मीद है. मंगलवार से लेकर अब तक लगातार दोनों समझौता को लेकर मैनेजमेंट के अधिकारियों के साथ यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय लगातार मीटिंग कर रहे है. गुप्त स्थान पर रिसोर्ट को बुक कर सारे अधिकारी ऐसा मीटिंग आज तक नहीं किये होंगे, जैसा अभी मीटिंग हो रही है. मैनेजमेंट की ओर से की गयी सारी व्यवस्था के बीच यूनियन के नेता बारगेनिंग कर रहे है. कितना बारगेनिंग कर पा रहे है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन अभी अनिश्चितता का माहौल है. वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के स्तर पर मीटिंग चल रही है. बताया जाता है कि गुरुवार को दोनों ही समझौता को लेकर एमडी टीवी नरेंद्रन के स्तर पर एक तरह से मीटिंग होगी, जिसके बाद इसका समझौता हो जायेगा. बताया जाता है कि 6 सितंबर तक ही एमडी शहर में है, लेकिन हो सकता है कि सात सितंबर को भी रुक जाये और समझौता कर चले जाये. सूत्र बता रहे है कि नये वेतन समझौता के बाद बढ़े हुए वेतन के आधार पर कर्मचारियों का बोनस समझौता होगा. हालांकि, अब फीसदी के आधार पर बोनस होना बंद हो चुका है, इस कारण कंपनी के तय फार्मूला को ही आधार बनाया गया है. अब नये सिरे से बोनस का समझौता नहीं होना है, इस कारण बहुत ज्यादा लाभ तो नहीं होगा, लेकिन यूनियन कोशिश कर रहा है कि इस बार का बोनस में कुछ अतिरिक्त लाभ दिखा दिया जाये ताकि कर्मचारी लांग टर्म में होने वाले वेज रिवीजन के नुकसान को भूलकर अभी के तत्कालिक फायदे पर नजर रख सके या उसके ही आनंद में डूबा रहे और लांग टर्म नुकसान कर्मचारियों को हो जाये. बताया जाता है कि टाटा स्टील में महंगाई भत्ता (डीए) को कोलियरी की तर्ज पर ही बदलाव किया जा रहा है. सात साल का समझौता करने का दबाव है और इसमें कामयाब मैनेजमेंट होता नजर आ रहा है. वैसे यह बताने वाला कोई नहीं है कि क्या कुछ होने वाला है.
टाटा स्टील में वेज रिवीजन संभावित :
- 1 जनवरी 2018 से लागू होगा समझौता
- वर्करों का न्यूनतम मूल वेतन 20 हजार रुपये के आसपास होगा जबकि अधिकतम 50 हजार रुपये के पार होगा
- रात्रि पाली भत्ता 125 रुपये से बढ़कर 220 रुपये तक होगा
- यूटिलिटी भत्ता 500 रुपये प्रतिमाह हो सकता है
- क्वार्टर अलाउंस मूल वेतन का 15 फीसदी
- एजुकेशन भत्ता 350 रुपये से ज्यादा का होगा
- यूटिलिटी अलाउंस को 600 रुपये तक होगा
- एरियर की संपूर्ण राशि का भुगतान दो किश्तों में होगा
- सिक लीव में भी बदलाव संभव है