टाटा स्टील में वेज रिवीजन व बोनस समझौता को लेकर राह हुई आसान, कमेटी मेंबरों के रिक्वीजिशन मीटिंग को महामंत्री ने दी मंजूरी, कभी भी हो सकता है समझौता

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जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों का लंबित वेज रिवीजन समझौता व बोनस समझौता को लेकर राह आसान हो चुकी है. वेज रिवीजन और बोनस समझौता को लेकर लगातार वार्ता चल रही है. मंगलवार को भी एचआरएम के अधिकारियों के साथ लंबी वार्ता चली. बताया जाता है कि 6 सितंबर तक टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन जमशेदपुर में ही रहने वाले है. ऐसे में संभव है कि इसको लेकर समझौता हो जाये और तत्काल लोगों को लाभ भी मिल जाये. इसको लेकर डीए में होने वाले बदलाव, सात साल का समझौता और एमजीबी बेहतर करने के लिए यूनियन की ओर से भी दबाव बनाया गया है. वैसे यह कहा जा रहा है कि छह साल का ही समझौता इस बार भी हो सकता है, लेकिन डीए में आंशिक बदलाव जरूर होगा. वहीं, एनएस ग्रेड के कर्मचारियों को भी पिछली बार की तरह ही लाभ स्टील वेज से बेहतर होगा क्योंकि मैनेजमेंट भी यह मान रही है कि स्टील वेज के वनस्पत एनएस ग्रेड के कर्मचारियों का काफी कम वेतन या सुविधाएं है, ऐसे में उनको उसके बराबर लाया जाना चाहिए. दूसरी ओर, टाटा वर्कर्स यूनियन के महामंत्री सतीश सिंह ने वेज रिवीजन के मुद्दे पर रिक्वीजिशन मीटिंग (आपात बैठक) के लिए दिये गये आवेदन को मंजूर कर लिया है. महामंत्री की मंजूरी मिलने के बाद अब तय हो गया है कि रिक्वीजिशन मीटिंग अब एक सप्ताह के भीतर ही बुलाने की घोषणा करनी होगी. इसके तहत 82 कमेटी मेंबरों ने हस्ताक्षर किया है. इन लोगों ने डिमांड किया है कि एनएस ग्रेड में डीए पर प्वाइंट को दोगुना किया जाये. सात साल नहीं बल्कि अधिकतम छह साल के लिए ही समझौता हो और डीए में किसी तरह का बदलाव बरदाश्त नहीं किया जायेगा. अब एक सप्ताह में महामंत्री को मीटिंग का तिथि की घोषणा करनी होगी. अगर यह घोषणा नहीं की जाती है तो रिक्विजिशन मीटिंग के लिए आवेदन देने वाले पहले कमेटी मेंबर यानी संजीव तिवारी मीटिंग बुला सकते है. वैसे यह भी संभव है कि इस एक सप्ताह के भीतर वेज रिवीजन समझौता हो जाये और बोनस समझौता भी हो जाये ताकि यह मीटिंग बुलाने की ही जरूरत नहीं पड़े. यहीं वजह है कि सबकी निगाहें महामंत्री पर टिकी हुई है.

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