जमशेदपुर : जमशेदपुर स्टील सिटी के लिए एक बदनुमा दाग के रुप में कीनन स्टेडियम को देखा जा रहा है. करीब 18 साल से यहां एक भी मैच नहीं हुआ है. स्टेडियम उदास हो चुका है. लेकिन अब इसके दिन बहुरने वाले है. टाटा स्टील ने नये सिरे से इसको विकसित करने की योजना बनायी है. टाटा स्टील ने झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के साथ वार्ता शुरू की है. योजना है कि 2024 तक इस स्टेडियम को बना लिया जाये और नये रुप में इसको विकसित कर दिया जाये ताकि यहां भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच कराया जा सके. 1939 में इस क्रिकेट स्टेडियम को बनाया गया था, जिसमें 19 हजार के दर्शकों के बैठने की क्षमता है. इसके दर्शक दीर्घा को पूरी तरह तोड़कर नये सिरे से बनाया जायेगा. (नीचे भी पढ़ें)
पिछले दिनों कीनन स्टेडियम के दौरे पर गये टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि अगर उनके प्लान के अनुसार चला तो हर हाल में 2024 तक स्टेडियम नये सिरे से बना दिया जायेगा. खिलाड़ियों और खेल के विकास के लिए ही स्टेडियम को बनाया गया था. (नीचे भी पढ़ें)
आपको बता दें कि 1939 में इस स्टेडियम को करीब 25 हजार रुपये की लागत से तैयार किया गया था. 70 फीसदी दर्शक दीर्घा अभी खराब हो चुका है. अंतिम बार स्टेडियम में 2006 में भारत औंर इंग्लैंड के बीच मैच हुआ था. यह ऐतिहासिक ग्राउंड है, जिसका आउटफील्ड और विकेट का दुनिया में नाम है. इस विकेट और मैदान की तारीफ विवियन रिचर्ड, गोर्डन ग्रीनज, क्लाइव लायडजैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर कर चुके है. इस ग्राउंड पर मनोज प्रभाकर, सौरभ गांगुली जैसे देश के नामचीन खिलाड़ी अपना शतक जड़ चुके है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस मैदान से ही अपना कैरियर की शुरुआत की थी. यह ऐतिहासिक स्टेडियम एकीकृत बिहार के अलावा बंगाल और ओड़िशा राज्य के लिए काफी ऐतिहासिक रहा है.