
जमशेदपुर: टाटानगर रेलवे स्टेशन में कार पार्किंग स्टैंड की तीन साल की पार्किंग की व्यवस्था लंबे समय बाद सुचारु हुई है. इसी के साथ ही कोरोना के लगबग दो साल बाद ट्रेनों का परिचालन भी सामान्य होने लगा है. पैसेंजर ट्रेनें भी पटरी पर लौट आई हैं. ऐसे में रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ उमड़ने लगी है. टाटानगर स्टेशन के इन और आउट गेट पर यात्रियों को बैठाने की होड़ में ऑटो चालकों की दबंगई भी शुरु हो गई है. दोनों गेट पर बीच रास्ते ऑटो की बेतरतीब पार्किंग होने से यात्रियों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे बोर्ड का सख्त निर्देश है कि स्टेशन के आसपास का एरिया पूरी तरह से क्लीन रखना है, ताकि स्टेशन सुंदर दिख सके और यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो. इसकी जिम्मेदारी आरपीएफ को है, लेकिन इन दिनों टाटानगर स्टेशन के बाहर पार्किंग का जो आलम है उस पर आरपीएफ को कोई लेना देना नहीं है, जिस कारण व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. इन गेट में प्रवेश के रास्ते आरपीएफ की ड्यूटी भी लगाई गई है, लेकिन जवान इस ओर ध्यान नहीं देते. यहां तक की जाम के समय ट्रैफिक पुलिस भी गायब रहती है.
ओवरब्रिज रोड पर भी जाम की स्थिति
यही हाल, टाटानगर रेलवे ओवरब्रिज रोड का भी है. यहां रेलवे द्वारा बनाए गए पार्सल गेट के सामने भी दिन भर जाम का आलम बना रहता है. इस गेट से यात्रियों का निकलना अवैध है, लेकिन ट्रेन आने पर जल्दी के चक्कर में यात्री यहां से आना जाना शुरु कर देते हैं. आरपीएफ व ट्रैफिक की सांठगांठ से यहां भी ऑटो चालक अपनी मनमानी चलाते हैं. रोड पर ऑटो लगाने से जाम की स्थिति बनी रहती है. पार्सल से वैन निकलने के बाद गेट को बंद रखने का नियम है, लेकिन यह गेट 24 घंटे खुला रहता है, जिससे यहां भीड़ का नजारा बना रहता है. आम लोग इसमें पीसते रहते हैं.