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tatanagar-station-parking-टाटानगर रेलवे पार्किंग ऑटो की अवैध कमाई को लेकर बनी रही है सुर्खियों में, इस बार का विवाद भी इन व आउट गेट की वसूली से ही जुड़ा, आखिर क्यों हो रही है मारपीट जानिए, ठेकेदार ने क्या दी सफाई

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जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन कार पार्किंग स्टैंड ऑटो वालों की अवैध कमाई को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है. दो दशक पहले तत्कालीन रेलवे ठेकेदार स्व. उपेंद्र सिंह के समय तो यहां चालक की हत्या भी हो चुकी है, जो मामला काफी चर्चित रहा था. इधर लंबे समय बाद रेलवे पार्किंग का ठेका तीन साल के लिए लेकर गत 19 जून से मेसर्स शैल इंजिनयरिंग के ठेकेदार बाराद्वारी वासी राजेश कुमार सिंह ने पार्किंग पर कब्ज़ा किया. उनके नाम पर बागबेड़ा के दूबे पार्किंग को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से संभाल रहे हैं, जो पहले भी कोटेशन पर पार्किंग चला चुके हैं और उसका सम्बन्ध सीरियल क्राइम के मास्टर माइंड पंकज दूबे से करीबी रिश्तेदार का है. अभी पार्किंग को चले एक माह होने में दो दिन शेष हैं, लेकिन कर्मियों ने मारपीट को लेकर चर्चा बटोर ली. एमजीएम के युवक से कुछ दिन पहले मारपीट हुई थी. फिर सोनारी के ऑटो चालक व सोमवार को फिर ऑटो चालक राज कुमार की पिटाई. इसे लेकर पार्किंग विवादों में बनी हुई है. सूत्र बताते हैं की यह विवाद ऑटो वालों की अवैध कमाई से जुड़े हैं. इन व आउट गेट के अलावा रोड उस पार अनाधिकृत ऑटो स्टैंड हैं. इन सबसे पार्किंग या फिर लाइन टेकरी के नाम पर अवैध वसूली हो रही है. बाहरी टेम्पो या फिर स्टेशन क्षेत्र में इनके प्रवेश पर रंगदारी की कमाई को ठन जाती है. किसी भी महत्वपूर्ण ट्रेन के समय यह टकराव बढ़ने की सम्भावना बड़ी रहती है जब दोनों छोर में पार्किंग गेट के पास ऑटो वालों का कब्ज़ा हो जाता है. तब यात्री तो जाम में पीसते ही हैं उस वक्त विधि व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठते हैं. आरपीएफ, जीआरपी के लोग कोई भी इस व्यवस्था पर चुप रहते हैं.
पार्किंग के कर्मियों का वसूली से होता है जुड़ाव
ऑटो पार्किंग की इस अवैध वसूली से सीधे पार्किंग कर्मियों का जुड़ाव रहता है. सूत्र बताते हैं की पार्किंग में ठेकेदार भले कोई भी आए कर्मचारी हमेशा एक ही होते हैं. हां ठेकेदार का चेहरा जब नया हो तो कुछ कर्मचारी नए जरूर दिखते हैं, जैसा की अभी देखा जा सकता है, जहां मानगो के एक समुदाय के कर्मचारी लगाए गए हैं. पार्किंग के यही पुराने कर्मचारी कर्मचारी ऑटो स्टैंड पर अपना सिक्का चलाने की जुगत में रहते हैं. सूत्र बताते हैं की आउट गेट के पास अब भी कर्मचारी ही वसूली कर रहे हैं. इन गेट में वर्षों से पुराने लाइन टेकर रहे मुन्ना मिश्रा का कब्ज़ा है, जिसे बाहर करने की जुगत कर्मचारी लगाए हुए हैं. सोमवार को राज कुमार यादव के साथ मारपीट की घटना में अब मुन्ना मिश्रा का नाम अब सामने लाया जा रहा है, आरोप है की आउट गेट में राजकुमार व उसके बीच बहस हुई थी, जिसके बाद रनिंग रूम के पास मारपीट की गई. इसके इतर भी चाईबासा बस स्टेण्ड में लगने वाले ऑटो वालों से भी स्टेशन एरिया में सक्रिय पुराना अपराधी रंगदारी उठा रहा है, जो मामला तत्कालीन डीसी के पास भी गया था. सूत्र बताते हैं की अवैध कमाई का एक हिस्सा रेल व स्थानीय थाना को भी चढ़ाया जाता है. बहरहाल, लगातार मारपीट की सुर्खियों में बनने के बाद आरपीएफ एक्शन में है. ठेकेदार के सीसीटीवी देखने को खांगला जा रहा है. लेकिन यह सब पर अगर रेल प्रशासन गंभीर नहीं होती है तो कभी भी पार्किंग में ऑटो वालों की अवैध कमाई को लेकर बड़ी घटना घट सकती है.
रेल ठेकेदार बोले, मीडिया छवि धूमिल कर रही
पार्किंग ठेकेदार राजेश सिंह ने अपने सहयोगी नीरज दूबे के साथ ऑटो चालक राजकुमार को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने मारपीट की घटनाओं की खबर प्रकाशित करने पर मीडिया को दोषी बताया और कहा की उनकी छवि जानबूझ कर धूमिल की जा रही है. रेल क्षेत्र के बाहर मारपीट होते रहती है उससे कोई लेना देना नहीं है. पार्किंग अंदर सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी लगाए गए हैं. अंदर कुछ होता है तो वे जवाब देंगे. उन्होंने यह भी स्वीकार किया की अंदर व बाहर के टेम्पो वालों में टकराव बना रहता है. हमारे कर्मियों का उससे कोई नाता नहीं है. भ्रामक खबर छापे जाने पर उन्होंने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.

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