टाटा-रांची हाइवे में टाटा स्टील से माल टपाकर बेचने का खुलासा, जमशेदपुर पुलिस ने 1.5 टन टाटा टिस्कोन रिबार जब्त, गिरोह के कई लोग गिरफ्तार

राशिफल

जमशेदपुर : टाटा स्टील सिक्योरिटी विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर जमशेदपुर पुलिस ने 13 सितंबर को जमशेदपुर-रांची राजमार्ग पर स्थित भेलपहाड़ी के एक स्टॉकयार्ड में छापेमारी की और 1.5 टन टाटा टिस्काॅन रिबार जब्त किया. साथ ही, पुलिस ने प्लांट से स्टाॅकयार्ड ले जाने के दौरान संबंधित ट्रक चालकों की सांठगांठ से टाटा टिस्काॅन का माल
चुराने वाले इस सिंडीकेट को धर दबोचा है. ज्ञात हो कि कुछ भ्रष्ट व्यापारी इस तरह से चुराये माल स्थानीय बाजार में बेच रहे हैं. पुलिस ने जिस स्टॉकबार्ड या ’टाल’ पर छापामारी की, उसे बब्बन यादव नामक व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा था. रैकेट के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया और चुराये गये माल को पुलिस ने जब्त कर लिया है. यहाँ उपभोक्ताओं को टाटा स्टील का खरा उत्पाद मिले, इस प्रयास पर टिप्पणी करते हुए टाटा स्टील के सिक्योरिटी चीफ गोपाल प्रसाद चौधरी ने कहा कि टाटा स्टील चोरी की गयी टाटा की ब्रांडेड सामग्री बेचने वाले व्यापारियों समेत इसमें संलिप्त सभी अपराधियों पर नजर रखेगी और उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. साथ ही, बाजार में इस खतरे से और बाजार
में नकली उत्पादों की प्रसार से निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. हम
एसएसपी जमशेदपुर के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने इस अवैध धंधे से निपटने में
त्वरित कार्रवाई की. टाटा स्टील ने कंपनी के नाम पर नकली उत्पादों के विनिर्माण और बिक्री के लिए अनधिकृत संस्थाओं द्वारा उपयोग किए जा रहे अपने ब्रांड नाम की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं. कंपनी ‘टाटा’ ट्रेडमार्क के उल्लंघन को रोकने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ मिल कर काम कर रही है. कंपनी की संपत्ति, ब्रांड और प्रतिष्ठा के साथ-साथ सरकार के वैध टैक्स को प्रभावित करने वाली उल्लिखित अवैध गतिविधियां को रोकने और खत्म करने के लिए टाटा स्टील लगातार देश भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही है. यह नवीनतम कदम टाटा स्टील के उत्पादों की चोरी को रोकने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है. रिबार का उपयोग निर्माण उद्योग में किया जाता है. लगभग 18 मिलियन टन के इस बाजार में, टाटा टिस्काॅन भारत का सबसे प्रसिद्ध रिबर ब्रांड है. यह ब्रांड पूरे भारत में लगभग 6,400 डीलरों के स्थापित नेटवर्क के माध्यम से बेचा जाता है.

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