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TATA STEEL WAGE REVISION-एमडी के साथ शुक्रवार की सुबह हुई वार्ता, नहीं गली यूनियन की ‘दाल’, बैरंग लौटे अध्यक्ष, महामंत्री व डिप्टी प्रेसिडेंट, चार बिंदुओं पर है मुख्य विवाद, शनिवार को समझौता की आस

जमशेदपुर : टाटा स्टील में वेज रिवीजन समझौता को लेकर मैनजेमेंट व यूनियन एक बार फिर से आमने-सामने नजर आ रही है. एकजुटता का परिचय देते हुए टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन से सुबह में यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय ने संयुक्त रुप से मुलाकात की. इन तीनों ने एमडी के साथ बातचीत की. बताया जाता है कि चार बिंदुओं पर मुख्य विवाद हुआ. एमडी ने यूनियन का आग्रह मानने से इनकार कर दिया और कहा कि सात साल से कम पर समझौता नहीं हो सकता है. यह तय कर लिया गया कि चलिये यूनियन सात साल पर मान भी जायेगी तो जो ग्रेड होना है, उसका एमजीबी भी ज्यादा होना चाहिए. लेकिन एमजीबी कम और सात साल का समझौता करने का दबाव दिया गया. एमडी के पास इन लोगों ने दलील दी कि यह संभव नहीं है. इसके अलावा इन लोगों ने डीए में बदलाव के प्रस्ताव को वापस लेते हुए एनएस ग्रेड के डीए में बढ़ोत्तरी और स्टील वेज के कर्मचारियों को जैसा था, वहीं बने रहने देने की अपील की, लेकिन यह भी मानने से एमडी ने इनकार कर दिया. करीब डेढ़ घंटे तक एमडी और जेनरल ऑफिस में रहने के बाद टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री और डिप्टी प्रेसिडेंट बैरंग लौट गये. अब यूनियन के टॉप थ्री नेता नये सिरे से वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ मीटिंग करेंगे, जिसके बाद फैसला लिया जायेगा. अगर रास्ते पर बातें रही तो शनिवार को समझौता संभव है. वैसे एमडी शुक्रवार को जमशेदपुर से बाहर जा रहे है.

मैनजेमेंट बोनस और वेज रिवीजन साथ समझौता चाहती है
मैनेजमेंट की ओर से बोनस और वेज रिवीजन समझौता एक साथ करने का दबाव बनाया गया है. यहीं वजह है कि पहले वेज रिवीजन पर ही जोर लगाया गया है. वैसे बोनस का फार्मूला पहले से तैयार है तो फिर उसमें ज्यादा दिक्कत तो नहीं होने जा रहा है, इस कारण पहले वेज रिवीजन समझौता कर लेने का दबाव यूनियन पर दिया गया है.
टाटा वर्कर्स यूनियन में लगा जमावड़ा

टाटा वर्कर्स यूनियन में वेज रिवीजन समझौता को लेकर कमेटी मेंबरों और कर्मचारियों का जमावड़ा लगा रहा है. जैसे ही अध्यक्ष, महामंत्री और डिप्टी प्रेसिडेंट जेनरल ऑफिस से लौटे, वैसे ही लोगों का जमावड़ा लग गया. लोगों ने उनसे पूछा क्या हुआ. बिंदू के बारे में जानकारी दिये बगैर सारे पदाधिकारियों को बोला गया कि बात नहीं बनी और वे लोग अपने कमरे में चले गये. हालांकि, हर दिन यूनियन में भीड़ लगी रह रही है.

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