घाटशिला : घाटशिला के नक्सल मुक्त एरिया डुमरिया प्रखंड के बीरगोडा सबर बस्ती में एक ऐसा सबर परिवार है जो इमली पेड के नीचे बीते तीन सालों से रहने पर विवश है. परिवार का आवास नही होने के कारण पेड़ के नीचे ही आवास बना रखा है. परिवार इमली पेड़ के नीचे तिरपाल लगाकर विगत तीन वर्ष से रहता है. पेड़ की टहनी पर सामान रखते है. अगर बरसात आ जाये तो ये परिवार किसी तरह किसी की झोपड़ी में छुपकर जान बचाते है. ठारू सबर और पत्नी सुरू सबर दोनो ही पेड़ के नीचे रहते है. ठारू ने बताया कि उसके नाम से अबतक आवास का निर्माण नही हुआ है, उसे पता भी नहीं है कि उसके नाम से आवास स्वीकृत हुआ है भी या नही. ठारू ने कहा कि उसके भाई का आवास है लेकिन भाई से झगड़ा होता है, परिवार अधिक होने के कारण घर पर जगहहोता है, जिसके कारण ठारू पत्नी के साथ तीन साल से इमली पेड़ के नीचे रहने पर विवश है. ठारू ने सरकार से मांग की है कि उनका भी आवास अगर बन जाता तो वे पेड ने नीचे नही रहते, लेकिन अबतक ठारू का आवास नही बन पाया है.
इसी बीरगोडा गांव में कुल 15 सबर परिवार रहते है. जिसमें से 7 सबर परिवार का पीएम आवास बना है, लेकिन बिचौलियों के कारण पीएम आवास अधूरा छोड़ दिया गया है. रहने के नाम पर इन सबर परिवारों को केवल छत दिया गया है वह भी बरसात के समय छत से पानी का रिसाव होता है. पीएम आवास में ना खिड़की, ना दरवाजा लगा है. दीवारों पर प्लास्टर नही होने पर सबर परिवार मिट्टी का लेप लगाकर चिकना करते है. अधूरे पीएम आवास होने पर भी अबतक किसी ने संज्ञान नही ली है. गांव के पुटरू सबर, जोड़गड़ सबर, गायर सबर, रूपा सबर, शिरू सबर, चादू सबर समेत कुल 7 सबर परिवार का पीएम आवास अधूरा पड़ा है.
बीरगोडा सबर बस्ती में 8 ऐसे परिवार है जो पुराने 40 साल पहले बनायी गयी इंदिरा आवास में रहते है. आवास अब गिरे या तब , अपनी जान जोखिम में डालकर किसी तरह से ये सबर परिवार रहते है. सबर परिवारों ने कहा कि कई बार पीएम या बिरसा आवास के लिए गुहार लगाई है, लेकिन अब तक आवास नही मिला है. गांव के राजा सबर, मोहन सबर, डीबा सबर, धोन सबर, लक्ष्मण सबर, ठारू सबर, लाल सबर, डंपू सबर, लखी सबर, कानो सबर जर्जर आवास में रहने को मजबूर है.