रांची: शेल कंपनी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने अदालत में कहा कि हम आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देने जा रहे है.इसलिए फिलहाल इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में टाल दी जाये.वहीं चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले भी यह मामला जा चुका है.जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह झारखंड हाईकोर्ट तय करें कि यह मामला सुनने योग्य है या नहीं.जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका को सुनने योग्य करार दिया है.चीफ जस्टिस ने इस याचिका में सुनवाई आगे बढ़ाने को कहा.जिसपर एजी ने कहा कि 4290/21 में हमलोग सुप्रीम कोर्ट जायेंगे.वहीं सीजे ने कहा कि आप पहले 4290/21 में जायेंगे,फिर 727/22 में जायेंगे.सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामले में आदेश जारी कर चुका है.हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में चुनाव आयोग ने कहा है कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है.(नीचे भी पढ़े)
इसलिए मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए.अगर 727/22 में कोई आपत्ति नहीं है तो आगे बढ़ने में क्या परेशानी है.महाधिवक्ता ने कहा कि मामले की सुनवाई हाइब्रिड मोड में किया जाये.जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि फ़िज़िकल सुनवाई में क्या परेशानी थी.कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आपने अबतक निलंबित पूजा सिंघल पर एफआइआर क्यू नहीं किया था.ईडी की कार्रवाई के बाद मनरेगा घोटाला का पैसा निकला तब आपको याद आया.अगर ये ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला है तो करप्शन से इनकार कैसे करें.चीफ जस्टिस ने महाधिक्ता से कहा कि एजी साहब हम आपको सुनना चाहते है.आप एक घंटा से समय ही मांग कर रहे है आगे बढ़े.जिसपर महाधिवक्ता ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के आने तक समय दें.राजीव कुमार ने कोर्ट में फिर से एक दागी अफ़सर का हलफ़नामा दायर किया है.जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपलोग के पास साफ़ छवि के कोई अफसर नहीं है क्या. सरकार ने एक आइए फ़ाइल किया है जिमसें कहा की आप 727/22 में सुनवाई ना करें.