जमशेदपुर : टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में लगातार हो रहे हंगामा से प्रबंधन, चिकित्सक समेत अन्य लोग काफी परेशान है. वे लोग दुखी है. कोरोना जैसे काल में जमशेदपुर ही नहीं पूरे झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने वाले टीएमएच प्रबंधन ने हंगामा को लेकर बीती रात (31 अगस्त 2020) को एक प्रेस रिलीज जारी कर अपना दुख व्यक्त किया है. टीएमएच प्रबंधन ने कहा है कि यह जमशेदपुर के नागरिकों के कुछ वर्गों द्वारा टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में प्रदर्शित किए जा रहे निंदा करने योग्य व्यवहार को दर्शाता है. प्रबंधन के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद से टीएमएच, उसके डाक्टर, नर्स और सारे कर्मचारी मार्च 2020 से नि:स्वार्थ सेवा प्रदान कर रहे है. पिछले कुछ महीनों में टीएमएच ने उन सभी रोगियों को जिनका कोविड 19 टेस्ट पॉजिटिव हुआ है और उपचार के लिए भर्ती है, उन्हें सर्वश्रेष्ठ उपचार प्रदान करने के लिए इक्विपमेंट (उपकरण) और इन्फ्रास्टक्चर (संसाधन) में महवपूर्ण निवेश किया है.
टीएमएच आज 1000 से अधिक बेड के साथ उपचार सुविधा देने में परिवर्तित हो गया है, जिसके जैसा देश में दूसरा नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें रोगियों की मौतों का अनुभव करना पड़ा है, लेकिन इसमें से कोई भी मौत डाक्टरों और सहयोगी कर्मचारियों की ओर से सर्वोत्तम सम्भव उपचार प्रदान करने के प्रयास में कमी के कारण नहीं है. टीएमएच प्रबंधन ने कहा है कि हमें जमशेदपुर के नागरिकों को सूचित करते हुए दुख हो रहा है कि आज कुछ रोगियों के परिवारों के व्यवहार और हिंसक प्रतिक्रिया के कारण, अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी खतरा और असुरक्षा अनुभव कर रहे है. स्थिति अस्थिर है और ऐसी परिस्थितियों में अस्पताल का संचालन करना बहुत मुश्किल हो गया है, जहां पहले से ही लगभग 50 प्रतिशत मेडिकल स्टॉफ कोविड-19 के एक्सपोजर के कारण स्वयं को जोखिम में डालकर कार्य कर रहे है. यदि ऐसा होना जारी रहता है तो घटते मेडिकल स्टॉफ के साथ अस्पताल को चलाना सम्भव नहीं होगा और हमारे पास टीएमएच में कोविड-19 उपचार क्षमता को कम करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं होगा. यहाँ इस बात का जिक्र करना अनुपयुक्त नहीं होगा कि टाटा स्टील अपने संचालन के क्षेत्र और उसके आसपास के समुदाय में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि इस प्रयास के लिए समुदाय के सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है.
पुलिस की होगी तैनाती, पैसा माफी का भी होता है दबाव, एफआइआर दर्ज होगा, नेतागिरी का बन रहा अड्डा
टीएमएच में हंगामा काफी ज्यादा हो रहा है. इसको लेकर टीएमएच में हंगामा होता नजर आ रहा है. इसको लेकर पुलिस की तैनाती की जा रही है. पुलिस बल को तैनात करने के साथ ही अब टीएमएच प्रबंधन चाहती है कि तत्काल इस मामले में पुलिस एक्शन लें और खुद से अस्पताल प्रबंधन अब ऐसे लोगों पर एफआइआर करने की भी तैयारी की गयी है. नेतागिरी का टीएमएच अड्डा बन चुका है, जहां से बिल माफ कराना एक परिपाटी बन गयी है. जब बिल ज्यादा हो जाता है तो लोग बिल माफ कराने के लिए भी इस तरह का हंगामा करते रहते है. हालांकि, कुछेक मामले सही भी आपत्तियां होती है, जिसको लेकर प्रबंधन खुद से कार्रवाई भी करती है.